आतंकियों को चंड़ीगढ़ घुमाने लाया था देविंदर सिंह
चंडीगढ़। आतंकियों की मदद करने के आरोपी जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पूछताछ में पता चला है कि देविंदर हिज्बुल के आतंकी नावेद बाबा और आसिफ के साथ पकड़े जाने से कई महीने पहले ही नावेद के संपर्क में था। आतंकी चंडीगढ़ समेत कई शहरों में हमले करना चाहते थे। पुलिस ने 2001 के संसद हमले में कथित तौर पर देविंदर की भूमिका की जांच की बात कही है।
जेएंडके पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने देविंदर को नौकरी से बर्खास्त करने और मामले की जांच एनआईए से कराने की सिफारिश की। डीजीपी ने बताया कि पूर्व में जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देविंदर को वीरता पदक से उन्हें सम्मानित किया गया था, जिसे वापस लेने की भी सिफारिश की गई है। संसद हमले में डीएसपी के अफजल गुरू और अन्य आतंकियों से रिश्तों पर डीजीपी ने कहा कि हम 2001 के संसद हमले में कथित तौर पर देविंदर की भूमिका की जांच के लिए तैयार हैं। इसे लेकर इनपुट जुटाए जा रहे हैं। दरअसल, 2004 में तिहाड़ जेल से अफजल ने अपने वकील को लेटर में बताया था कि उसने देविंदर को मोहम्मद (संसद हमले में शामिल पाक आतंकी) को दिल्ली लाने और यहां उसके लिए घर व कार दिलाने के लिए कहा था।
आतंकियों ने चंडीगढ़ के मार्केट और मॉल की रेकी की थी
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि 2019 में जब सेना ने कश्मीर में सख्ती शुरू की, तो देविंदर आतंकियों को श्रीनगर से 25/26 जून को पठानकोट तक अपने साथ लाया। यहां से देविंदर और आतंकी अलग हुए। वहां से डीएसपी चंडीगढ़ पहुंच गया और सेक्टर 51 के एक फ्लैट में रुका। फिर वह बांग्लादेश बाॅर्डर के लिए निकला, क्योंकि उसकी बेटी बांग्लादेश में पढ़ रही है। दो दिन बाद नावेद दो साथियों को लेकर देविंदर के पास चंडीगढ़ पहुंचा। यहां सभी दो दिन रुके। इस दौरान आतंकी रेकी करने सेक्टर-19 के मार्केट और एलांते माॅल गए। नावेद के साथी की तबीयत खराब होने पर वे सरकारी अस्पताल भी गए। एनआईए अब देविंदर से यह पता लगा रही है कि चंडीगढ़ में रेकी करने के पीछे आखिर क्या मंशा थी।
हवाला के पैसे का कश्मीर में इस्तेमाल
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में शामिल होने की वजह से देविंदर के घाटी में कई लोगों से संपर्क बन गए और विदेश से आने वाला हवाला के पैसे को कश्मीर में इस्तेमाल किया गया। उसके साथ गिरफ्तार आतंकियों ने पूछताछ में भारत और देश से बाहर भी उसके आतंकी संबंधों के बारे में अहम सुराग दिए हैं। फिलहाल इन आतंकियों की मंशा क्या थी, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है।
कुलगाम से गिरफ्तार डीएसपी देविंदर सिंह को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पुलिस को कई बार आगाह किया था, लेकिन वह बार-बार बचता रहा। सूत्रों के मुताबिक, देविंदर से आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी पूछताछ कर चुके हैं। जल्द ही एसपी के पद पर देविंदर का प्रमोशन भी होने वाला था।
आतंकियाें के साथ 12 जनवरी को दबोचा गया था डीएसपी
जम्मू-कश्मीर पुलिस में तैनात डीएसपी देविंदर सिंह काे 12 जनवरी को तब दबोचा था, जब वह दो आतंकी नावेद और आसिफ को वह पगड़ी डलवाकर श्रीनगर से चंडीगढ़ तक पहुंचाने की फिराक में था। मौके पर पुलिस को आरोपियों से काफी गोला, बारूद और हथियार बरामद हुए थे।