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कर्मचारियों की मांगों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दिया बड़ा बयान

देहरादून। उत्तराखंड में लंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा किया जाएगा। कर्मचारियों से उनके मसलों पर बातचीत करने की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को सौंपे जाने पर उन्होंने कहा कि बैठकर सभी मसलों का समाधान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री सोमवार को राज्य सचिवालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उनसे कर्मचारियों के मसले पर कौशिक को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बैठकर कर सभी मसलों पर बात हो जाएगी और जो जायज मांगें होंगी उन्हें सरकार जरूर पूरा करेगी। उधर, मुख्यमंत्री के इस बयान से कर्मचारियों में भरोसा जागा है।
उत्तराखंड कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय ने कहा कि सरकार और कर्मचारी संगठनों के मध्य संवाद का सिलसिला जारी रहना चाहिए। कर्मचारी भी आंदोलन के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन जब विभाग, शासन और सरकार के स्तर पर सुनवाई नहीं होती है तब कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है।
उत्तराखंड सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने भी उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब कर्मचारियों के लंबित मसलों का समाधान निकलेगा। मदन कौशिक 10 व 11 फरवरी को कर्मचारियों के मसले पर बैठक करेंगे। सरकार के स्तर पर सकारात्मक रुख दिखाए जाने से कर्मचारियों को पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत से हुई वार्ता में समझौते के बिंदुओं पर कार्रवाई होने की उम्मीद है।

 ये हैं कर्मचारियों के मसले लंबित हैं

1. पूरे सेवाकाल में तीन प्रमोशन व 10, 16 एवं 26 वर्ष पर एसीपी
2. ऊर्जा निगम के कार्मिकों को नौ, 14 एवं 19 पर वर्ष पर एसीपी का लाभ मिले
3.चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के अंतर्गत 4200 ग्रेड वेतन दें।  ढांचे में मृत पद पुनर्जीवित हों
4. यू-हेल्थ कार्ड योजना का लाभ समस्त कार्मिकों, शिक्षकों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों व आउटसोर्स कर्मचारियों को भी मिले
5. उपनल, आउटसोर्स, पीटीसी व समान श्रेणी के अन्य कार्यरत कार्मिकों को नियमित किया जाए या समान कार्य समान वेतन देय हो
6. वेतन समिति को भंग किया जाए तथा पूर्व की भांति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगतियों का निराकरण हो
7. पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को पुन: बहाल हो
8. सचिवालय भत्ता दिया जाए
9. पुरानी पेंशन नीति लागू की जाए

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