हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान हैः सुखदेव
देहरादून। ‘हमारी संस्कृति ही हमारी असली पहचान है।’ ये कहना है कांग्रेस के युवा नेता सुखदेव सिंह रावत का। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकों देवी-देवताओं का वास है जिनकी कृपा हम उत्तराखण्ड वासियों पर सदैव बनी रहती है, हमें भी अपने ईष्ट देवी-देवताओं का नमन कर अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।
सुखदेव सिंह रावत उत्तरकाशी जनपद के मोल्डा गांव स्थित मां भद्रकाली मेले के उद्घाटन के अवसर पर वहां की जनता को सम्बोधित करते हुए अपने विचार प्रकट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मां भद्रकाली की हम सभी पर विशेष कृपा है और माता की ये कृपा दृष्टि यूं ही बनी रहे वे यही कामना करते हैं। उन्होंने भारी संख्या में मेले में शिरकत करने के लिए स्थानीय जनता का आभार प्रकट किया। इससे पूर्व सुखदेव सिंह रावत ने मां भद्रकाली मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेले का विधिवत उद्घाटन किया।
गौरतलब है कि मोल्डा गांव स्थित मां भद्रकाली के इस प्राचीन मंदिर में प्रत्येक वर्ष अगस्त माह में इस मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में आसपास के दर्जनों गांवों से हजारों लोग माता के दर्शनों को आते हैं और मत्था टेककर अपनी मन की मुरादें पाते हैं। हर साल की ही तरह इस वर्ष भी मेले में भक्तजनों की भीड़ उमड़ी नजर आयी। मेले में आयोजित जागरण कार्यक्रम के दौरान लोक गायिका रेशमा शाह, कल्पना चैहान और लोकगायक दास ने माता के भजन एवं जागर गाकर वहां मौजूद भक्तों का मन मोह लिया। लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों से प्रभावित नजर आये सुखदेव सिंह रावत ने सभी कलाकारों की जमकर तारीफ की और उनकी प्रतिभा की सराहना की।
स्थानीय जनता ने भी सुखदेव सिंह रावत के मेले में पधारने पर उनका धन्यवाद प्रकट किया। बताते चलें कि मेले के आयोजकों ने इस शुभकार्य के उद्घाटन के लिए सरकार के किसी मंत्री को न्योता ना देकर सुखदेव सिंह रावत को ही आमंत्रित किया था, सुखदेव सिंह रावत ने आयोजकों का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस धार्मिक एवं शुभकार्य के लिए चुना गया।
इससे पूर्व सुखदेव सिंह रावत ने जनपद उत्तरकाशी के अठूड क्षेत्र के पाली ग्राम में आयोजित होने वाले एक अन्य मेले में शिरकत की। यहाँ उन्होनें देवी-देवताओं के दर्शनकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मेले में भी रावत ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और जनता का मेले में आगमन पर आभार प्रकट किया। इस मेले के दौरान लगभग 500 भेड़-बकरियां भगवान के मंदिर के सात चक्कर लगाते हैं जो इस मेले का मुख्य एवं अद्भुद दृश्य है। इन मेलों के आयोजनों के अवसर पर यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के गणमान्य लोगों समेत हजारों की संख्या के भक्तगण मौजूद थे।