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दून के होटल में ठहरे इटली के नागरिकों को बाहर निकालने को लेकर हड़कंप, जानिए पूरा मामला

देहरादून। कोरोनावायरस के चलते हर कोई ख़ौफ़ज़दा है। आलम ये है कि विदेश से आए लोगों को देखकर ही घबरा रहे हैं। देहरादून में सोमवार को ऐसा ही मामला सामने आया। डीएम दफ्तर के बाहर विदेशी युगल को देखकर हड़कंप की स्थिति पैदा हो गयी। पता चला कि वे इटली निवासी हैं और पति-पत्नी हैं। नवम्बर माह से वे एक होटल में रह रहे थे। लेकिन सोमवार को लॉकडाउन के बीच होटल प्रशासन ने उन्हें निकाल दिया।

इसकी शिकायत लेकर वे डीएम के पास पहुंचे। दंपती की बात सुनने के बाद जिलाधिकारी ने उन्हें वापस होटल भेज दिया और होटल मालिक को आदेश दिया कि उन्हें स्थिति सामान्य होने तक वहीं रहने दिया जाए।

दरअसल, सोमवार को डीएम दफ्तर के बाहर एक विदेशी युगल घूम रहा था। उन्होंने अंदर जाने का प्रयास किया तो गेट पर खड़े गार्ड ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद दोनों वहां से चले गए। लेकिन, कुछ देर बाद ही वे वापस आये तो गार्ड ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अंदर मौजूद अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने उनसे बात की और सारी बात जानी।

पूछताछ में पता चला कि वे इटली के निवासी हैं। युवक के अनुसार वह एक हैली कंपनी में इंजीनियर है और नवम्बर से एक होटल में पत्नी के साथ रह रहा था। लेकिन, रविवार को लोकडाउन का आदेश होने के बाद होटल स्वामी ने अब उन्हें जाने के लिए कह दिया। लिहाजा अब इंटरनेशनल फ्लाइट आदि सब बन्द हैं तो ऐसे में कहीं भी नहीं जा सकते हैं। अपर जिलाधिकारी राम जी शरण शर्मा ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी ने उन्हें उसी होटल में रुकने को कहा है।

होटल स्वामी को भी कहा है कि स्थिति सामान्य होने तक दंपती को कहीं भी ना जाने दिया जाए।चूंकि दोनों नवम्बर से यहां रह रहे थे और इस बीच कहीं भी नहीं गए थे इसलिए उनमें किसी संक्रमण आदि की आशंका भी नहीं है। हालांकि, उनका टेस्ट किया जाएगा या नहीं इस बात को अभी साफ नहीं किया गया है।

दुबई से लौटे युवक जबरन अस्पताल में भर्ती करने का बना रहे दबाव

कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ लोग अब डॉक्टरों पर लक्षण न होने पर भी जबरन अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गए दबाव बनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को जिला कोरोनेशन अस्पताल में देखने को मिला। दुबई से लौटे दो युवकों और उनके परिजनों ने डॉक्टरों पर जबरन उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के लिए दबाव बनाया। इसे लेकर उन्होंने अस्पताल में हंगामा भी किया।

हालांकि बाद में डॉक्टरों के समझाने पर वह मान गए। डॉक्टरों ने अपील की है कि वह तसल्ली से जांच और उपचार कर रहे हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के जबरन अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दबाव डालकर अव्यवस्था ना फैलाएं।

सोमवार को कोरोनेशन असपताल पहुंचे दो युवकों के अभिभावकों ने बताया कि वह हाल ही में दुबई से लौटे हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दीजिए। डाक्टरों ने युवकों में कोई लक्षण नहीं होने पर उन्हें 14 दिन आइसोलेशन में रहने की सलाह दी।

जिस पर परिजन हंगामा करने लगे। कोरोना संदिग्धों का इलाज कर रहेवरिष्ठ फिजीशियन डा. एनएस बिष्ट ने युवकों को भर्ती करने से इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि युवकों में कोरोना जैसे कोई भी लक्षण नहीं थे, इसीलिए उन्हें भर्ती करने की जरूरत नहीं है। उन्हें 14 दिन होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

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