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शाहीन बाग में 15 दिसंबर से जारी प्रदर्शन हुआ खत्म, ये है वजह

नई दिल्ली/मुंबई/लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस देश के 23 राज्यों में फैल चुका है। कोरोनावायरस से निपटने के लिए दिल्ली में लॉकडाउन लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने राज्य में पांच से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा न करने की अपील की है। इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में 15 दिसंबर से जारी प्रदर्शन को खत्म कर दिया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को वहां से हटाया और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ और मुंबई में लंबे वक्त से जारी धरना अस्थाई तौर पर खत्म हो गया। सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग में पंडाल खाली मिले और यहां इक्के-दुक्के लोग ही नजर आए। वहीं, लखनऊ के घंटाघर और मुंबई के मोरलैंड रोड को प्रदर्शनकारियों ने खाली कर दिया है। कोरोना से लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को देशभर में जनता ने कर्फ्यू लगाया था।

दिल्ली: सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शाहीन बाग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे थे। उन्हें हटाकर ओखला इलाके के रास्ते खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किए थे। काफी कोशिशों के बाद भी धरनास्थल को खाली नहीं कराया जा सका था, लेकिन अब प्रदर्शन के 99 दिन बाद लॉकडाउन के कारण प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई। इससे पहले रविवार सुबह धरनास्थल के पास लगे बैरिकेड्स पर पेट्रोल बम फेंका गया। हालांकि इस घटना में सभी सकुशल रहे। प्रदर्शनकारियों के दो गुटों में जनता कर्फ्यू का समर्थन करें या न करें, इसको लेकर शनिवार रात झड़प हो गई थी।

शाहीन बाग में रविवार को प्रदर्शनकारियों के पंडाल खाली हुए।

 

लखनऊ: यहां के घंटाघर पर पिछले करीब 66 दिन से सैकड़ों महिलाएं सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरने पर बैठी थीं। इसे भी कोरोना के खतरे और लॉकडाउन के मद्देनजर वापस ले लिया गया है। महिलाओं ने एक खत में कहा कि कोरोना खत्म होने पर प्रदर्शन फिर शुरू होगा। इस दौरान उन्होंने सांकेतिक तौर पर अपने दुपट्टे घंटाघर पर ही छोड़ दिए। रविवार रात प्रदर्शनकारियों ने यह जगह खाली कर दी, इसके बाद सोमवार सुबह प्रशासन ने घंटाघर और आसपास के इलाके की सफाई कराई।

लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शनकारी महिलाएं सांकेतिक तौर पर अपने दुपट्टे छोड़कर गईं।

 

मुंबई: यहां के मोरलैंड रोड पर भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले 50 दिनों से प्रदर्शन चल रहा था। सोमवार को कोरोना संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन को देखते हुए इसे भी रद्द कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश के 4 शहरों में प्रदर्शन जारी

  • यूपी के मुरादाबाद, अलीगढ़ और प्रयागराज समेत 5 शहरों में प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि, यहां महिला प्रदर्शनकारियों की संख्या कम है। सहारनपुर के धरने में महिलाएं कोरोना से बचाव के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रही हैं। हर प्रदर्शनकारी के बैठने के लिए 1-1 मीटर की दूरी पर तख्त रखे गए। प्रयागराज में भी कुछ इसी तरह के इंतजाम हैं।
  • दूसरी ओर, मुरादाबाद के धरने में जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को आम दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ रही। कोरोना से बचाव के भी कोई इंतजाम नहीं थे। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को 21 मार्च को धरना खत्म करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसे नजर अंदाज किया गया। अब 12 नामजद समेत अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।

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