सीबीएसई ने लिया बड़ा फैसला, पब्लिक स्कूलों में कक्षा छह से ही कराये जाएंगे प्रोफेशनल कोर्स
नई दिल्ली। छात्र-छात्राओं को अब इंटरमीडिएट करने के बाद करियर चुनने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा बल्कि वे किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, यह कक्षा छह में आते ही तय कर सकेंगे। सीबीएसई ने बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों से जुड़े कई नए विषयों को शामिल करने की तैयारी की है। ये नए कोर्स आगामी सत्र से पब्लिक स्कूलों में शुरू किए जाएंगे।
सीबीएसई ने स्कूलों को एक सर्कुलर भेज कर आगामी सत्र से इन नए विषयों को अपने-अपने स्कूलों में शुरू करने के लिए 30 मई तक ऑनलाइन आवेदन करने को कहा है। स्कूल एक या उससे ज्यादा विषयों को चुन सकते हैं। कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 12-12 घंटे के स्टडी मॉड्यूल तैयार किए गए हैं। जिसे छात्र कक्षा 6, 7 या 8 में अपने अन्य शैक्षिक विषयों के साथ पढ़ सकते हैं।
कौशल विकास आधारित इन विषयों में जूनियर स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्यूटी एंड वेलनेस, डिजाइन थिंकिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी, कमर्शियल एप्लीकेशन, मास मीडिया, ट्रेवल एंड टूरिज्म जैसे कोर्स शामिल हैं।
सीनियर सेकेंडरी में 37 विषय और सेकेंडरी स्तर पर 17 विषय
इन विषयों का प्रैक्टिकल भाग 35 अंक और थ्योरी 15 अंकों की होगी। सीनियर सेकेंडरी स्तर पर इस प्रकार के 37 विषय और सेकेंडरी स्तर पर 17 विषयों को रखा गया है। अगर कक्षा 10 में कोई बच्चा किसी एक मुख्य विषय में असफल रहता है और इन विषयों में सफल रहता है तो इसके आधार पर उसका एक साल बचाया जा सकेगा।
सीबीएसई का मकसद छात्रों को सामान्य और पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा देने का है। सीबीएसई का यह फैसला सराहनीय है, इससे छात्र-छात्राओं को अपना करियर चुनने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही विभिन्न उद्योगों की डिमांड के हिसाब से मैन पावर की जरूरत को भी पूरा किया जा सकेगा।
– प्रवींद्र कुमार रौतेला, प्रधानाचार्य सिंथिया स्कूल
सीबीएसई की ओर से कौशल पाठ्यक्रमों को मुख्यधारा में लाने का फैसला अच्छा है। इससे विद्यार्थी न सिर्फ कौशल सक्षम होंगे बल्कि उनमें सैद्धांतिक ज्ञान, दृष्टिकोण और सॉफ्ट स्किल्स का भी विकास होगा, जो एक व्यापक आधारित शिक्षा के माध्यम से विशेष व्यवसाय के लिए आवश्यक है।
– डॉ. गीतिका बल्यूटिया, चेयरपर्सन इंस्पिरेशन पब्लिक स्कूल
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शिक्षा कक्षा छह से मिलने से बच्चों में जल्दी ही कौशल विकास होगा और उन्हें अपना करियर चुनने में मदद मिलेगी। कौशल विकास आधारित शिक्षा से सबसे बड़ा यह लाभ होगा कि छात्र सरकारी नौकरियों की ओर दौड़ लगाने के बजाय स्वरोजगार अपना सकेंगे।
– तिलकराज तलवार, प्रबंधक बियरशिवा स्कूल
सीबीएसई का कक्षा छह से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों शुरू किए जाने का फैसला स्वागतयोग्य है। बच्चों को इंटरमीडिएट में आने पर करियर चुनने की चिंता नहीं होगी, वे पहले ही अपना करियर तय कर सकेंगे। बच्चों में स्वरोजगार से जुड़ने की भावना भी पैदा होगी।
– दयासागर बिष्ट, एडवोकेट, चेयरमैन शैमफोर्ड स्कूल