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एनकाउंटर में ढेर हुआ आतंकी रियाज नायकू, मुठभेड़ के बाद हुई भारी पत्थरबाजी

श्रीनगर। कश्मीर में सुरक्षा बलों को बुधवार को तब बड़ी कामयाबी मिली, जब आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर रियाज नायकू मारा गया। वह दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह अपनी बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था।

उमर ने कहा- नायकू का भविष्य तभी तय हो गया था, जब उसने बंदूक उठाई

सुरक्षा बलों को इस गांव में नायकू और उसके कुछ साथियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था। इस एनकाउंटर में उसके मारे जाने के बाद पुलवामा में भारी पथराव शुरू हो गया है। हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद 2016 में घाटी में भारी उपद्रव हुआ था। ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए पूरे कश्मीर में एहतियातन मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। बीएसएनएल के अलावा बाकी सभी फोन नेटवर्क भी बंद हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने नायकू के एनकाउंटर पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा- रियाज नायकू का भविष्य तभी तय हो गया था, जिस वक्त उसने बंदूक उठाई थी और आंतकवाद का रास्ता चुना था। कुछ लोग हिंसा और विरोध को हवा देकर नायकू की मौत का इस्तेमाल दूसरों को इस खतरनाक रास्ते पर भेजने के लिए ना करें।

सुरंगों का पता लगाने के लिए खेतों की खुदाई की गई
मंगलवार रात को इंटेलिजेंस का पुख्ता इनपुट मिला था कि नायकू बेगपोरा गांव में मौजूद है। इसके बाद घेराबंदी की गई। इलाके के आसपास कई सारे खेत, रेलवे ट्रैक की खुदाई की गई कि कहीं कोई सुरंग या जमीन के भीतर आतंकी ठिकाना न हो। फायरिंग नहीं होने के बाद भी सुरक्षा बलों ने घेराबंदी नहीं हटाई।

नायकू घर की छत पर छिपा था
बुधवार सुबह आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। नायकू पहले घर की छत पर बने एक ठिकाने में छिपा हुआ था। फिर वह सुरक्षा बलों पर फायर करते हुए नीचे उतरा। एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों ने 40 किलो आईईडी से उस घर को उड़ा दिया, जहां से नायकू फायरिंग कर रहा था। इसमें नायकू और उसका साथी आदिल मारा गया। नायकू का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी है। कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान पर इसका अच्छा खासा असर पड़ेगा।

सेना ने कहा- हम आतंकियों के नाम नहीं बताएंगे
आर्मी के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया, ‘सेना पुलवामा में मारे गए आतंकियों के नाम जाहिर नहीं करेगी, क्योंकि असली हीरो तो वे हैं जिन्होंने बेगपोरा में 2 आतंकी मार गिराए और एक अन्य मुठभेड़ में 2 और आतंकी मार गिराए। इस तरह 24 घंटे में 4 आतंकी मारे गए। हम आतंकियों के नाम नहीं बताएंगे ताकि उनका महिमामंडन न हो।’ हालांकि, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नायकू के नाम का खुलासा कर दिया।

नायकू पर 12 लाख रुपए का इनाम था
रियाज नायकू कश्मीर में सबसे ज्यादा समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकी था। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था। उसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की ए++ कैटेगरी में रखा गया था। उस पर 12 लाख रुपए का इनाम भी था। वह कई पुलिसकर्मियों की किडनैपिंग और उनके मर्डर में शामिल था।

मैथ्स टीचर था, 2010 के उपद्रव के बाद आतंकी बना
35 साल का नायकू मैथ्स टीचर था। वह कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था। 2010 में कश्मीर में जारी उपद्रव के दौरान वह आतंकी बना था। यह उपद्रव टियरगैस शेल लगने से एक बच्चे तुफैल मट्‌टू की मौत के बाद शुरू हुआ था। महीनों तक कश्मीर में पत्थरबाजी होती रही और कर्फ्यू लगा रहा।

बुरहान और इत्तू के मारे जाने के बाद रियाज कमांडर बना

  • 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद यासीन इत्तू उर्फ महमूद गजनवी हिजबुल कमांडर बना था। इसी बीच, रियाज का नाम तब सामने आया, जब वह एनकाउंटर में मारे गए आतंकी शरीक अहमद बट के जनाजे में कलाशनिकोव राइफल लिए पहुंचा था। उसने वहां हवा में फायरिंग की थी। 
  • जब कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ था, तब आतंकी अपने साथियों के मारे जाने के बाद इस तरह की हवाई फायरिंग करते थे। इसके बाद कई बार नायकू बंदूक लहराते हुए आतंकियों के जनाजे में गन सैल्यूट देते नजर आया था। 
  • अगस्त 2017 में 18 घंटे चले एक एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने शोपियां में इत्तू को मार गिराया था। इसके बाद रियाज इसका कमांडर बना। 
  • नायकू मोहम्मद बिन कासिम कोड नेम से काम कर रहा था। वह बुरहान वानी का करीबी था। 
  • 2017 में वह घाटी के 12 टॉप आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। 2018 में सेना की हिट लिस्ट में शामिल 17 आतंकियों में भी नायकू का नाम था। नायकू ने कई स्थानीय लोगों को आतंकी बनाया। 
  • नायकू ने 2017 में एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी का स्वागत करेगा, क्योंकि मिलिटेंट्स कश्मीरी पंडितों को अपना दुश्मन नहीं मानते। 

सुरक्षा बल प्रेमिका को भेजा गया उसका मैसेज ट्रैक कर चुके थे
नायकू अपने गांव में बीमार मां से मिलने आया था। कहा जाता है वह अपने चुनिंदा करीबी लोगों के अलावा किसी पर भरोसा नहीं करता था। शायद यही वजह थी कि वह बचा रहा। नायकू जब सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में था तो उसने एक बार प्रेमिका को मैसेज भेजे थे। उसने लिखा था- तुम मुझे चिनार के पेड़ की याद दिलाती हो। इस मैसेज के जरिए सुरक्षा बलों ने नायकू तक पहुंचने की कोशिश की थी।

नायकू कई बार एनकाउंटर के दौरान बच निकला था
उसने सोशल मीडिया पर लंबे-लंबे ऑडियो और वीडियो मैसेज भी पोस्ट किए थे। यह पहला मौका नहीं था, जब नायकू को सेना ने घेरा था। इससे पहले वह कई बार बीच एनकाउंटर में घेराबंदी से बचकर निकल चुका था। 2018-19 के बीच वह कई बार एनकाउंटर से भाग निकला था।

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