आशाओं को अब सीधे मिलेगी प्रोत्साहन राशि
देहरादून। प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। आशाओं को अब उनकी प्रोत्साहन राशि सीधे मिलेगी। यदि खबर पर यकीन करें तो आशाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि उनके खाते में आएगी। यानी सीएमओ कार्यालय के चक्कर काटने से उन्हें मुक्ति मिल गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को आशा किरण सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। उत्तराखंड पूरे भारत में दूसरा राज्य होगा जो आशा कार्यकत्रियों को ऑनलाइन भुगतान करने जा रहा है। इसके अतिरिक्त आशाओं, आशा फैसिलिटेटर, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर व कम्युनिटी मोबिलाइजर को एनएचएम के तहत सीयूजी नंबर भी दिए जा रहे हैं।
एनेक्सी भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा, एएनएम व आगनबाड़ी वर्कर सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार भी उनके हित में हर संभव प्रयास कर रही है। ‘आशा किरण’ से आशाओं की पारिश्रमिक भुगतान संबंधी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसकेसाथ ही उनके लिए अंशदायी बीमा योजना भी प्रारंभ की जा रही है। सरकार उनकी सेवा शर्तो में सुधार लाने की प्रत्येक कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि आशाएं हमारे हेल्थ सिस्टम का आधार हैं।
उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत प्रत्येक आशा को भुगतान स्थानातरण की सूचना उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा दी जाएगी। इससे राज्य में कार्यरत 11 हजार से अधिक आशाओं को प्रतिमाह 7 तारीख को अनिवार्य रूप से भुगतान कर दिया जाएगा। मोबाइल एप से वह अपने भुगतान की स्थिति व किए जा रहे कार्यो का ब्योरा भी देख सकती हैं। कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाली आशा कार्यकत्रियों को पुरस्कृत भी किया गया। स्टेट बैंक व वोडाफोन के अधिकारियों ने घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष अच्छा प्रदर्शन करने वाली आशा कार्यकत्रियों को उनके द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।