सहती रही समाज के ताने, फिर एक दिन किया ऐसा कारनामा सबकी हो गई बोलती बंद
नई दिल्ली। अपने समाज में कई ऐसे वर्ग भी हैं जो लड़कियों को बोझ मानते हैं और अगर वो शारीरिक रूप से दिव्यांग निकल जाए तो उसको रोष की दृष्टि से देखना शुरु कर देते हैं। ऐसे ही एक लड़की का की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो शारीरिक रूप से दिव्यांग होने पर समाज के ताने सहती रही और एक दिन इतनी बड़ी बन गई कि उसने सबके मुंह बंद कर दिए। आज वो राजस्थान के अजमेर की नई जिलाधिकारी के तौर पर नियुक्ति हैं। इनका नाम है आरती डोगरा, जो केवल 3 फीट की हैं।
आरती डोगरा आज राजस्थान कैडर की IAS अफसर हैं। आरती का कद भले छोटा है लेकिन आज वो देशभर की महिला IAS के प्रशासनिक वर्ग में मिसाल बनकर उभरी हैं और ये कहना भी गलत नहीं होगा कि उन्होंने समाज में बदलाव के लिए कई मॉडल पेश किए हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी काफी पसंद आए हैं। आरती मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था। आरती साल 2006 बैच की IAS अफसर हैं। उनका कद तो मात्र 3 फुट छह इंच का है। फिलहाल उन्हें राजस्थान के अजमेर की नई जिलाधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली हैं। इससे पहले भी वे SDM अजमेर के पद पर भी पदस्थापित रही चुकी हैं।
माता-पिता ने छोड़ा नही कभी आरती का साथ
बता दें कि उनके पिता कर्नल राजेन्द्र डोगरा सेना में अधिकारी हैं और मां कुमकुम स्कूल में प्रिसिंपल हैं। आरती के जन्म के समय डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि उनकी बच्ची सामान्य स्कूल में नहीं पढ़ पाएगी। बस फिर क्या था समाज में रहने वाले लोग भी कहने लगे कि बच्ची असामान्य है। पर उनके माता-पिता नें उनको सामान्य स्कूल में डाला। लोगों के कहने के वाबजूद उनके माता-पिता ने किसी और बच्चे के बारे में सोच तक नहीं। उनका कहना था कि मेरी एक ही बेटी काफी है जो हमारे सपनें पूरे करेगी। आरती की स्कूलिंग देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद UPSC Indian Administrative Service की तैयारी की |