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शीतकाल के लिए बंद हुए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट

जोशीमठ। उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट पूरे विदि-विधान के लिए शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के दौरान करीब 1350 सिख श्रद्धालु अंतिम अरदास के साक्षी रहे। इसके साथ ही पवित्र तीर्थ लक्षण मंदिर-लोकपाल के कपाट भी बंद हुए हैं। आपको बता दें, हेमकुंड साहिब के कपाट हर साल मई महीने में खुलते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते एहतियातन चार सितबर को खोले गए। गौरतलब है कि चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।

समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित है सिखों का पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब।शनिवार दोपहर डेढ़ बजे धाम केे कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के दौरान करीब 1350 सिख श्रद्धालु अंतिम अरदास के साक्षी रहे। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शनिवार सुबह से शुरू हो गई थी। सुबह साढ़े नौ बजे पहली अरदास हुई।

इसके बाद 10 बजे सुखमणी का पाठ और 11 बजे शबद कीर्तन हुआ। दोपहर साढ़े 12 बजे इस साल की अंतिम अरदास पढने के बाद गुरू ग्रंथ साहिब को पंच प्यारों की अगुवाई में सचखंड में विराजमान किया गया और फिर कपाट पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते हेमकुंड साहिब के कपाट देर से चार सितंबर को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। इस साल 36 दिनों तक चली यात्रा में करीब 8500 श्रद्धालुओं ने हेमकंड साहिब में मत्था टेका, जबकि पिछले वर्ष 2.39 लाख से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे थे।

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