अनेक योजनाओं ने बीते वर्षों में आकार भी लिया है : मुख्यमंत्री
श्री रावत ने बताया कि पेंशन से अब कोई तबका वंछित नहीं है और न ही होगा। ताकि सबको सम्मान मिले, जीने के अरमान जागे और हर हर जन अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करके, अपने जीवन को सुंदर बनाये। वहीं दूसरी ओर उन्होंने बताया कि हमारे राज्य उत्तराखण्ड की महिमा सुदूर है, यहां का जन-जीवन भी अच्छा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड एक ऐसा राज्य है, जहां हर वर्ग को पेंशन दी जाती है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि 9 नवम्बर 2000 को इस हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड का निर्माण हुआ। हम सबके कठिन परिश्रम ने उत्तराखण्ड ने आकार लिया है। वहीं उत्तराखण्ड में कभी आपदा तो कभी सूखे का कठिन समय भी आया था। परन्तु उत्तराखण्ड ने हर बार एक साथ खड़े होकर दिखाया और विपत्तियों में साथ जीवन-बशर किया।
साथ ही साथ वर्तमान में हर उत्तराखण्डी का स्वप्न साकार हो रहा है। अनेक योजनाओं ने बीते वर्षों में आकार भी लिया है। तात्पर्य है कि वर्तमान का उत्तराखण्ड पुराने उत्तराखण्ड से बेहद विकसित हो चुका है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हर अनाथ को सम्मानित जीवन जीने का अधिकार भी मिला है तो दूसरी ओर इन्दिरा अम्मा से सस्ते पौष्टिक भोजन को आधार भी मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा क्रियान्वित योजना मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ से वृद्धों को तीर्थ यात्रा करने में आसानी हुयी है। गौरा देवी कन्या धन से भी हर बालिका का विकास हुआ है और बालिकाओं को अपना सपना साकार करने की वजह भी प्रापत हुयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब गांव-गांव सड़कों का जाल भी बिछ रहा है। गांव ही हमारे आधार हैं, उनका विकास की राह पर लाना भी सर्वोपरि है।
उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों को भी अब सरकार का साथ मिल रहा है। जिस कारण उनको जीवन जीने में आसानी मिली है और सरकारी योजनाओं के चलते खुशहाली भी प्राप्त हुयी है। इसी श्रेणी में खिलती कलियां ने कुपोषण मुक्ति के लिये हाथ बढ़ाया। उन्होने बताया कि सरकार का एक प्यारा सपना देखा है कि विकलांगों को, गरीबों को, विधवा और वृद्धों को सहारा मिले और कोई भी बुरी अवस्था में अपना जीवन न व्यतीत करे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि बुजुर्ग कलाकारों, शिल्पियों आदि को पेंशन सुविधाओं से नवाजा जा रहा है। एक तरफ किसान और मजदूरों के सपनों को साकार करने का किया जा रहा प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी तरफ यह लोग प्रदेश विकास में अपना योगदान भी दे रहे हैं। उन्होंने एक छोटी सी पंक्ति में कहा कि अब गाड़-गधेरों से विकास की नयी धार बहने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नति के अवसर इजाद हुये हैं। अब लघु-विद्युत योजना से गांव में भी आर्थिक स्थिति को बढ़ाया जाएगा।