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संसद के समक्ष विपक्ष ने दिया धरना
नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष ने आज संसद भवन के समक्ष धरना दिया और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे अचानक किया गया दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय प्रयोग करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा कथित तौर पर लीक किये जाने की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर विपक्ष दृढ़ है। विपक्षी दलों ने नोटबंदी के निर्णय को गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि बैंकों एवं एटीएम के बाहर कतारों में खड़े लोगों की मौत, आम लोगों एवं किसानों की परेशानी, नोटबंदी की सूचना कथित तौर पर लीक करने जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री की तरफ से सफाई सामने आनी चाहिए।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, माकपा, भाकपा, राकांपा और राजद जैसे दलों के दोनों सदनों के करीब 200 सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया और प्रधानमंत्री से यह बताने की मांग की कि उन्होंने ऐसा निर्णय क्यों किया। विपक्षी दलों ने संसद में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री के मौजूद रहने के साथ लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने पर भी जोर दिया।
बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को दुनिया में सबसे बड़ा अचानक किया गया ‘प्रयोग’ करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के पीछे एक घोटाला है जिसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच करायी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आकर नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष को सुनना चाहिए।
माकपा के मो. सलीम ने कहा कि हम यह मांग कर रहे हैं कि नोटबंदी की सूचना कथित तौर पर कुछ उद्योगपतियों को लीक करने के विषय की जांच जेपीसी से करायी जाए। समूचे विपक्ष को ऐसा ही लगता है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि नोटबंदी के निर्णय से आम लोग परेशान हैं, किसान परेशान हैं, मछुआरे परेशान हैं। बैंकों और एटीएम में लोगों की कतार कम नहीं हो रही हैं। हम इस विषय पर कार्यस्थगन के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे है। हम लोगों की परेशानियों को सदन में उठाना चाहते हैं लेकिन सरकार तैयार नहीं दिखती है। इसे ध्यान में रखते हुए दोनों सदनों के 200 से अधिक सांसदों ने एक स्वर में अपनी बात रखी है और प्रधानमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए।
राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि नोटबंदी के अचानक उठाये निर्णय के कारण लोग काफी परेशान हैं। बैंक, एटीएम की कतारों में लोगों की मौत हो रही है। यह आम लोगों के हितों के खिलाफ उठाया गया कदम है। प्रधानमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। उन्हें सदन में आना चाहिए और विपक्ष की बात सुननी चाहिए।
दूसरी ओर, यह पूछे जाने पर कि अगर वित्त मंत्री को नोटबंदी की घोषणा की जानकारी नहीं थी तब पार्टी के अन्य लोगों को कैसे होगी, राहुल ने कहा कि यह बात नोटबंदी से पहले बैंकों में भारी मात्रा में रकम जमा होने से स्पष्ट होती है। पश्चिम बंगाल एवं अन्य प्रदेशों में भाजपा के लोगों को इसकी जानकारी थी। नोटबंदी पर विभिन्न विपक्षी दलों की अलग अलग मांगों के बारे में सवाल के जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि आपने आज देखा कि यहां विपक्ष के 200 से ज्यादा सांसद खड़े थे। पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है। सबकी मांग है कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि यह निर्णय क्यों लिया।