Uttarakhand

हमारे राज्य की स्थिति बेहतर है : CM

देहरादून। शुक्रवार को सचिवालय में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार से एसपीए व शतप्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 2254 करोड़ रूपए मिलने थे जिनमें से केंद्र से राज्य को केवल 905 करोड़ रूपए प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार ने इन पर कुल 1400 करोड़ रूपए का व्यय किया है। अर्थात 500 करोड़ रूपए राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से व्यय किए हैं।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक स्कोलरशिप जो कि शत प्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजना है, में केंद्र से हमें 160 करोड़ रूपए दिया जाना चाहिए था, परंतु केवल 75 करोड़ रूपए ही केंद्र द्वारा अवमुक्त किए गए हैं। यूटीलाईजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) भेजने में अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्य की स्थिति बेहतर है। आज स्वयं केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने इसके लिए हमारे अधिकारियों को बैठक में बधाई दी।

मुुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एसपीए (आर), सीएसएस (आर) व फूड सब्सिडी में केंद्र से 1751 करोड़ रूपए की मांग की गई थी। केंद्र द्वारा मात्र 731 करोड़ रूपए अवमुक्त किए गए हैं। अकेले फूड सब्सिडी में 570 करोड़ रूपए का रिएम्बर्समेंट केंद्र द्वारा किया जाना है। मुुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि कंेद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने अनौपचारिक बैठक में श्री बद्रीनाथ धाम को प्रसाद योजना में शामिल करने के साथ ही महाभारत सर्किट में उत्तराखण्ड के अश्वमेधशाला, लाखामण्डल, सातताल आदि स्थानों को सम्मिलित किए जाने के प्रति आश्वस्त किया है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि 8 नवम्बर से जमीन क्रय में 50 लाख से ऊपर के कुल 108 ट्रांजेक्शन हुए हैं, इनमें से 72 मामले देहरादून के हैं। इन भूमि सौदों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मालूम चल सके कि ये सौदे नेचुरल तरीके से किए गए हैं या नहीं। नोटबंदी के बाद प्रदेश पर पड़े प्रभावों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि भू-भवन सम्पत्ति पंजीकरण में 32 प्रतिशत की कमी आई है जबकि इससे प्राप्त शुल्क में 35 प्रतिशत कमी आई है। खनन से राजस्व में 21 प्रतिशत की कमी आई है। मंडी परिषद से तिलहन को छोड़कर अन्य सभी जिन्सों के उठान में कमी आई है। गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के टर्नओवर में 18 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर प्रदेश में नोटबंदी से आ रही समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए आवश्यक सुधारों के सुझाव दिए हैं।

अतिथि शिक्षको के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि इसके लिए रास्ता निकाला जा रहा है। न्यायालय के दायरे में रहते हुए अतिथि शिक्षकों को कैसे अधिक से अधिक राहत पहुंचाई जा सकती है, इसके लिए सभी विकल्पों पर विचार करते हुए फार्मूला तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार उपनल कर्मचारियों के मामले को भी देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा ही उपनलकर्मियों के मानदेय को बढ़ाया गया था। यह भी शासनादेश निकाला गया था कि उपनल कर्मियों को निकाला नहीं जाएगा।

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