राजनैतिक दंगल में क्रिकेट से होगा मंगल
देहरादून। हरदा यानी सूबे के मुखिया हरीश रावत जिन्होंने राज्य की तस्वीर वाके ही बदल कर रख दी है। इस बात को कोई माने या न माने मगर पहाड़ जनता अच्छे से जानती है। की राज्य मे अभी तक जितना विकास हरीश रावत सरकार ने किया है, उतना किसी भी पिछले मुख्यमंत्री ने नहीं किया है। अब दून के बाद हल्द्वानी मे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन होने के बाद क्रिकेट प्रमियों को खासा खुशी मिली है। देशभर में क्रिकेट के करोड़ो दिवाने हैं, वहीं आईपीएल जैसे क्रिकेट फॉरमेट ने खिलाडि़यों के हुनर को और निखार दिया है। ऐसे में राज्य के भीतर दो-दो स्टेडियम बनना वाके ही तरक्की का सूचक है। खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने बताया कि अभी राज्य की क्रिकेट एसोसिएशन को अव्वल दर्जे की मान्यता मिलनी बाकी है। हमारा प्रयास रहेगा कि राज्य में भारतीय टीम के सभी सितारे क्रिकेट फैंस को अपनी बैटिंग और बॉलिंग से दिवाना बना दे। वो भी प्रत्यक्ष मैच के दौरान, वाके ही जब ऐसा खेल रायपुर स्टेडियम में देखने को मिलेगा, तो ये क्षण राज्य के लिए एतिहासिक क्षण होंगे। सूबे की हरीश रावत सरकार और खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने जिस तरह से खेलों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाया है। उससे ये ही प्रतीत होता है कि उन्होंने दूसरी सरकारों की अपेक्षा अपनी जिम्मेदारी को और भी अच्छे से निभाया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार बनाने के लिए बहुत ही जबरदस्त दाव खेल दिया है। दलवीर सिंह सुहाग की जगह दो वरिष्ठ सेना अफसरों को दरकिनार करते हुए बलवीर सिंह रावत मूल निवासी पौड़ी गढ़वाल को सेना प्रमुख की जिम्मेदारी देने का ऐलान कर दिया है। वहीं खुफिया विभाग का शीर्ष आफिसर भी देवभूमि का लाल चुना गया है। ऐसे में राजनैतिक लहिजे से देखा जाए तो उत्तराखण्ड का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसा प्रतीत हो रहा है। खैर जो भी हो, ये तो उत्तराखण्ड की जनता ही तय करेगी कि सियासत भरी क्रिकेट मे मैन ऑफ द सिरीज का खिताब कौन जितेगा। क्रिकेट की कॉमन्टरी अंदाज मे कहे तो हरीश रावत के जरिये फेंकी गई राजनैतिक गुगली स्टेडियम की पिच पर टप्पा खाते ही अब उन्हें सूबे का फिर से मुखिया बना सकती है।