दिलचस्प होगा हिमाचल में उपचुनाव, जानिए किन मुद्दों को लेकर मैदान में उतरेंगे भाजपा और कांग्रेस
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है। भाजपा केंद्र और प्रदेश सरकार के करीब चार साल में किए गए विकास कार्यों को लेकर जनता से वोट मांगेगी।
कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और सड़कों की दयनीय हालत पर पोस्टर और कार्टून तैयार कर लोगों के बीच जाएगी। अभी पार्टियों की ओर से बैठकों का दौर जारी है। तीन-चार दिन में हाईकमान से प्रत्याशी का नाम घोषित होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होगा। अभी दोनों पार्टियों के नेताओं में उम्मीदवारों को लेकर मंथन चल रहा है।
जिला मंडी में संसदीय सीट और अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। कांग्रेस उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मानकर चल रही है।
भाजपा चारों सीटों पर जीत पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों, जिला व मंडल अध्यक्षों को फील्ड मेें काम करने और सरकार की उपलब्धियां लोगों को बताने के उतार दिया है। कांग्रेस ने भी कार्यकर्ताओं और विधायकों को लोगों के घर-घर जाकर संपर्क करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि पुरखों की याद में मनाए जाने वाले श्राद्ध ने प्रदेश में उपचुनाव के एलान के बाद भी सियासी कदमताल को रफ्तार नहीं पकड़ने दी है। कहने को तो एक अक्तूबर से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन अभी मंडी संसदीय क्षेत्र, अर्की, जुब्बल-कोटखाई और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में एक भी जगह नामांकन दाखिल नहीं हुए हैं। इसके पीछे श्राद्धों को ही कारण माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि चूंकि नवरात्र सात अक्तूबर से शुरू होंगे और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 8 अक्तूबर निर्धारित है। ऐसे में माना जा रहा है कि 7 और 8 अक्तूबर को ही नामांकन दाखिल होंगे।
बता दें कि प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस ने भी अभी तक अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान नहीं किया है। चुनावी ताल ठोकने वाले प्रत्याशी शुभ दिन के इंतजार में नामांकन पत्र लेकर बैठे हैं।