अग्रवाल समाज महासभा ने हवन कर मनाई महाराजा अग्रसेन की जयंती
देहरादून। अग्रवाल समाज महासभा नगर इकाई देहरादून ने पंचायती मंदिर में वैश्य कुलभूषण अग्रोहा नरेश महाराजा अग्रसेन की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर संगठन द्वारा हवन पूजन के साथ महाराज अग्रसेन जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर आरती की गई।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी अग्ररत्न अग्रवाल समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास गर्ग रहे। विकास गर्ग ने वैश्य समाज के योगदान को सराहनीय बताते हुए कहा कि महाराज अग्रसेन समाजवाद के प्रवर्तक थे। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान हो यही हम सब का लक्ष्य होना चाहिए। वैश्य समुदाय समाज मे सेवा कार्यो को ही अपना धर्म मानता है। श्री गर्ग ने कहा शिरोमणि अग्रकुल नरेश महाराजा अग्रसेन जी की जयंती पर हवन पूजन समाज को एक संदेश दिया गया कि करो ना कॉल में बड़े का भव्य प्रोग्राम ना करके अपने आराध्य को इस तरह भी याद किया जा सकता है।
विकास गर्ग ने कहा महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है। अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु उन्होंने नियम बनाया कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले प्रत्येक परिवार की सहायता के लिए नगर का प्रत्येक परिवार उसे एक तत्कालीन प्रचलन का सिक्का व एक ईंट देगा, जिससे आसानी से नवागन्तुक परिवार स्वयं के लिए निवास स्थान व व्यापार का प्रबंध कर सके। महाराजा अग्रसेन ने तंत्रीय शासन प्रणाली के प्रतिकार में एक नई व्यवस्था को जन्म दिया, उन्होंने पुनः वैदिक सनातन आर्य सस्कृंति की मूल मान्यताओं को लागू कर राज्य की पुनर्गठन में कृषि-व्यापार, उद्योग, गौपालन के विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा का बीड़ा उठाया।
उन्होंने कहा इस तरह महाराज अग्रसेन के राजकाल में अग्रोदय गणराज्य ने दिन दूनी- रात चौगुनी तरक्की की। कहते हैं कि इसकी चरम स्मृद्धि के समय वहां लाखों व्यापारी रहा करते थे। वहां आने वाले नवागत परिवार को राज्य में बसने वाले परिवार सहायता के तौर पर एक रुपया और एक ईंट भेंट करते थे, इस तरह उस नवागत को लाखों रुपये और ईंटें अपने को स्थापित करने हेतु प्राप्त हो जाती थीं जिससे वह चिंता रहित हो अपना व्यापार शुरू कर लेता था।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास गर्ग, जिला उपाध्यक्ष एनके गुप्ता, नगर अध्यक्ष संजय गर्ग, अनिल कुमार, चंद्र मोहन, त्रिलोक चंद्र, मनीष जैन आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।