उत्तराखंड के मसूरी और चकराता में जमकर हुई बर्फबारी, पर्यटकों ने खूब किये मज़े
देहरादून। उत्तराखंड में पिछले दो दिन से पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही थी। इससे मसूरी, चकराता और अन्य ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढक गईं। कड़ाके की ठंड के चलते स्थानीय लोग घरों में दुबके रहे। हालांकि देशभर से यहां पहुंचे पर्यटकों ने इसका जमकर लुत्फ उठाया।
मसूरी के विंसेंट हिल, गनहिल व लालटिब्बा में शुक्रवार तड़के से 11 बजे तक रुक-रुककर बर्फबारी हुई। इसके बाद लगातार हिमपात होता रहा और शाम तक पूरी मसूरी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई।
शाम छह बजे तक मालरोड पर चार इंच तक बर्फ की चादर बिछ चुकी थी। वहीं जार्ज एवरेस्ट, क्लाउड एंड, हाथीपांव, बिनोग हिल, दुधली भदराज, गनहिल, व लंढौर क्षेत्र में छह से आठ इंच और लालटिब्बा-चार दुकान में दस इंच तक बर्फ पड़ी है। बुरांशखंडा, धनोल्टी, कद्दूखाल, काणाताल में एक फीट के लगभग हिमपात होने की खबर है।
आज शनिवार को माल रोड पर बर्फ पिघल गई है। देहरादून से वाहन मसूरी आ जा रहे हैं। मसूरी-धनोल्टी-चम्बा, मसूरी-सुवाखोली-अलमस-नगुण-उत्तरकाशी मार्ग पर यातायात बंद है। मसूरी-केम्पटी रोड पर भी यातायात फिलहाल बंद है। समीपवर्ती गांवों से दूध आदि के सप्लाई वाहन मसुरी नहीं आ पा रहे हैं। लंढोर में बर्फ हटाने को जेसीबी का सहारा लिया जा रहा है। हिमपात देखने को पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है।
वहीं, पिछले दो दिन से लगातार हुई बर्फबारी के चलते शनिवार को मौसम खुलने से जौनसार-बावर के सैकड़ों ग्रामीण परिवारों को बड़ी राहत मिली। बर्फबारी से जौनसार बावर की छुट्टियां और ऊंचाई पर बसे कई गांव चांदी सरीकी सफेद चादर से पूरी तरह ढक गए।
शनिवार को खिली चटक धूप से जौनसार बावर की बर्फ से ढकी चोटियों और गांवों का नजारा देखते ही बना। सूर्य देव के दर्शन होने से लोहरी के ग्रामीणों ने बर्फबारी के बीच प्रकृति के इस खूबसूरत नजारे का आनंद उठाया।
युवा, महिलाएं और बच्चों ने बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे पर फेंके। चटक धूप खिलने से स्थानीय लोग बर्फबारी के बीच खूब मौज मस्ती कर रहे हैं।