जनसेवी भावना पांडे ने धनसिंह रावत से की मुलाक़ात, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा
देहरादून। हमेशा उत्तराखंड के हित की बात करने वाली राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रदेश के हित के लिए एक और कदम बढ़ाया है। उन्होंने राज्य के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से मुलाक़ात कर उत्तराखंड के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत से मुलाक़ात के दौरान जनसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के मुद्दों पर विशेष चर्चा की। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत उत्तराखंड में शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा व सहकारिता विभाग सँभाल रहे हैं।
इस दौरान भावना पांडे ने राज्य के मंत्री के समक्ष एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि उत्तराखंड में जितने भी बंद पड़े स्कूल हैं, उन्हें खोला जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे बाहर से उत्तराखंड में निवेशकों को लाना चाहतीं हैं।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पहाड़ के दुर्गम इलाकों के बच्चों की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में स्कूलों और सड़कों के अभाव में बच्चों को कईं किलोमीटर पैदल चलकर पढ़ने दूर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य के इन मासूम बच्चों के हित के लिए वे कार्य करना चाहतीं हैं।
इस पर कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने उनकी बात पर खुशी जताते हुए भावना पांडे का समर्थन किया और कहा कि उनका प्रस्ताव स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि आप उत्तराखंड में इन्वेस्टर लाइये और प्रदेश के हित का कार्य कीजिए, सरकार आपके साथ है।
वहीं जनसेवी भावना पांडे ने कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत का आभार जताते हुए कहा कि मंत्री जी ने स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों ही विषयों पर खुलकर बात की एवँ उनका समर्थन किया। भावना पांडे ने कहा कि धन सिंह रावत जी भी उत्तराखंड के हित में कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वे चाहती हैं कि उत्तराखंड में जितने भी बेरोजगार फार्मासिस्ट हैं उनको रोजगार मिले। इसके साथ ही राज्य के प्रेरक शिक्षक, एनआईओएस टीचर्स एवं शिक्षामित्र जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं उन सभी के आय के साधन जुटें। इस सभी के लिए धनसिंह रावत जी से विशेष चर्चा की गई।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि वे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर काम करना चाहतीं हैं। उन्होंने कहा कि वे बाहर से निवेशकों को उत्तराखंड में लाकर यहाँ के स्कूलों के जीणोद्धार एवँ रखरखाव के काम को करवाना चाहती हैं। साथ ही राज्य के स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों के रूप में तब्दील करने की उनकी योजना है।
उन्होंने कहा कि वे चाहती हैं उत्तराखंड का हर बच्चा एवँ युवा प्रगति करे। उत्तराखंड से पलायन रुके और पहाड़ों में सभी को शिक्षा मिले। उन्होंने उम्मीद जताई कि गरीब व्यक्ति के बच्चे भी कॉन्वेंट जैसे स्कूल में पढ़ें। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ही तरह उत्तराखंड में भी शिक्षा व्यवस्था लागू करवाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वे कुछ व्यवसायिक एवं कुछ एनजीओ के द्वारा संचालित किए जाने वाले स्कूल शुरू करवाने पर विचार कर रहीं हैं, जिसमें गरीब छात्रों को निःशुल्क शिक्षा मुहैया करवाई जा सके।