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पीआरडी जवान की मौत पर जनसेवी भावना पांडे ने जताया रोष, सरकार से की ये मांग

देहरादून। रुद्रप्रयाग क्षेत्र में केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में यात्रा ड्यूटी में तैनात पुलिस कांस्टेबल ने हेलमेट से पीआरडी जवान का सिर फोड़कर व उसे पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल अवस्था में पीआरडी जवान को पहले जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग फिर श्रीनगर और बाद में एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया, जहाँ उपचार के दौरान पीआरडी जवान की मौत हो गई। इस घटना पर जनता कैबिनेट पार्टी अध्यक्ष, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने रोष व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि बीती आठ जून की रात को पुलिस कांस्टेबल दीपक चन्द्र सिंराई व पीआरडी जवान शूरवीर लाल टम्टा निवासी कांडी बाड़व अगस्त्यमुनि के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल ने पीआरडी जवान के सिर पर हेलमेट से जोरदार वार किया, जिससे पीआरडी जवान के सिर पर गंभीर चोट लग गई। स्थानीय लोगों की मदद से पीआरडी जवान को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग फिर श्रीनगर और इसके बाद सीधे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। एम्स में इलाज के दौरान घायल जवान ने दम तोड़ दिया।

रुद्रप्रयाग क्षेत्र में वारदात के बाद घटनास्थल पर एकत्र पुलिसकर्मी एवं पीआरडी जवान

इस घटना की घोर निंदा करते हुए वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पीआरडी जवान को एक पुलिस कर्मी द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा जाना घोर निंदनीय अपराध है। उन्होंने उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार से माँग करते हुए कहा कि वे तत्काल इस घटना को संज्ञान में लें एवँ आरोपी पुलिसकर्मी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन्होंने घटना क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग भी की।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से माँग करते हुए कहा कि पीआरडी जवानों के हित में सरकार शीघ्र ठोस कदम उठाए। जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उन्होंने राज्य के पीआरडी जवानों की मांगों को लेकर एक महीने तक देहरादून में आंदोलन किया था। पिछली सरकार के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने खुले तौर पर ये घोषणा की थी पीआरडी जवानों का कार्यकाल बढ़ाकर पूरे 300 दिन किया जाएगा किन्तु सरकार द्वारा दोबारा सत्ता में आने के बावजूद भी अभी तक इस घोषणा को अमल में नहीं लाया गया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पीआरडी जवानों को कार्य करने के लिए तत्काल 300 दिन दिये जाएं।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि सरकार अधिकतम काम पीआरडी जवानों से ही लेती है किन्तु फिर भी इनके हित में कोई मजबूत कदम नहीं उठा रही है। वहीं दूसरी ओर अब पुलिसकर्मी के द्वारा पीआरडी जवान को बुरी तरह से पीटकर मार दिया गया। ये बेहद दुःखद है, इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने पीआरडी जवानों को सन्देश देते हुए कहा कि यदि सरकार आपका कार्यालय पूरे 300 दिनों का करती है तो ही आप काम पर जाएं अन्यथा काम पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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