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रंग लाई जनसेवी भावना पाण्डेय की पहल, आपदा पीड़ितों के लिये तैयार हुए मकान

लालकुआँ/देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने समाजसेवा के कार्यों से जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। बेसहारा और ज़रूरतमंद लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए वे हमेशा तत्पर रहतीं हैं।

अपने इसी स्वभाव एवं कोशिशों के चलते जनसेवी भावना पांडे ने बीते वर्ष बिंदुखत्ता क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद कर समाज सेवा की मिसाल कायम की थी। बीते वर्ष अक्टूबर माह में हल्द्वानी क्षेत्र में हुई भारी बारिश की वजह से गौला नदी में आई बाढ़ ने इंद्रानगर द्वितीय बिन्दुखत्ता में छः परिवारों को बेघर कर दिया था। उस वक्त बेसहारा लोगों के लिए भावना पांडे मसीहा बनकर सामने आईं थीं।

जेसीपी मुखिया भावना पाण्डेय ने उस दौरान बेघर परिवारों की भरपूर सहायता करते हुए उन्हें बर्तन, चारपाई, लिहाफ, गद्दे व जरूरी वस्तुओं को अपने निजी खर्चे पर उपलब्ध कराया था। साथ ही प्रशासन और सेंचुरी पेपर मिल को बेेेघर हुए लोगों के लिए शीघ्र ही पक्के मकान बनाये जाने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और सेंचुरी मिल प्रबंधन हरकत में आया।

आपदा प्रभावित लोगों के लिए बनकर तैयार हुए मकान

उत्तराखंड की बेटी भावना पाण्डेय की पहल पर सेंचुरी पेपर मिल प्रबंधन ने छः परिवारों को मकान बनाकर देने का वादा किया गया था, जो अब पूरा हो चुका है। सेंचुरी पेपर मिल ने छः परिवारों के लिए मकान बनाकर तैयार कर दिए हैं। इन घरों की गुणवत्ता बेहतरीन की दिखाई दे रही है। हर परिवार के लिए अलग-अलग तरह से घर बनाये गये हैं। बताया जा रहा है कि बरसात की फसल कटने के बाद यहाँ रास्ता बनाया जायेगा और पानी का इंतजाम किया जाएगा। उसके पश्चात नवंबर में लाभार्थियों को भवन वितरित किए जायेंगे।

इस पर ग्रामीणों ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पाण्डेय एवँ सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल लालकुआं का हार्दिक से आभार प्रकट किया है। बताते चलें कि आपदा के दौरान बाढ़ प्रभावितों को जरूरत का सामान मुहैया करवाते हुए जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने प्रशासन और सेंचुरी पेपर मिल को चेतावनी देते हुए ये बड़ा ऐलान किया था कि यदि प्रशासन और सेंचुरी पेपर मिल पीड़ितों को घर बनाकर नहीं देंगे तो वे स्वयं अपने खर्च पर घर बनवाएंगी किन्तु इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी। सेंचुरी पेपर मिल प्रबंधन ने छः परिवारों को मकान बनाकर देने का वादा जल्द ही पूरा कर दिया।

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