Breaking NewsUttarakhand

बगावत पड़ी किशोर पर भारी

देहरादून। पहले टिकट बंटवारे को लेकर घमासान, फिर कांग्रेस भवन में उपद्रव और उसके बाद बगावत। सरसरी तौर पर नजर डालें तो सहसपुर सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की हार के प्रमुख कारण यही रहे। इस बार दून की हॉट सीटों में शुमार रही सहसपुर सीट से खुद किशोर उपाध्याय भी नहीं लड़ना चाहते थे, मगर हाईकमान के आगे उन्हें झुकना पड़ा। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार आर्येद्र शर्मा को उनकी अनदेखी नागवार गुजरी और उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की हुंकार भर दी। परिणाम से साफ जाहिर है कि आर्येद्र ने यहां कांग्रेस व किशोर की लुटिया डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के मैदान में होने और दोनों प्रमुख दलों भाजपा-कांग्रेस से बागियों के चुनाव लड़ने की घोषणा करने के कारण सहसपुर इस बार सबसे चर्चित सीटों में से एक थी। यहां भाजपा से लक्ष्मी अग्रवाल बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थीं तो कांग्रेस से आर्येद्र शर्मा। हालांकि, शुरुआत से यह माना जा रहा था कि मुकाबला भाजपा के सहदेव पुंडीर और निर्दलीय आर्येद्र के बीच होगा, लेकिन जब ईवीएम खुली तो किशोर पहले चरण से मुकाबले में बने रहे। यह अलग बात है कि बागी आर्येद्र लगातार उनका पीछा करते रहे।

पहले चार चरण में किशोर 3012, 3366, 2201 व 4211 वोट लेकर सबसे आगे बने रहे, जबकि सहदेव पुंडीर 2680, 2385, 2496 व 1344 वोट लेकर दूसरे नंबर पर थे। पांचवे चरण में सहदेव ने बढ़त बना ली। इस चरण में सहदेव को 3177 वोट मिले और किशोर 1082 पर सिमट गए। इसके बाद हर चरण में सहदेव आगे बढ़ते रहे। 14 चरण की मतगणना पूरी होने के बाद सहदेव 44055 वोट लेकर विजयी घोषित हुए और किशोर को 25192 वोट से ही संतोष करना पड़ा। किशोर को 18863 वोटों से पराजय मिली, जबकि कांग्रेस के बागी आर्येद्र शर्मा इससे ज्यादा 21888 वोट ले गए। यानी साफ है कि बागी प्रत्याशी को मिले वोट ही किशोर की पराजय का कारण बने। वहीं, भाजपा से बागी लक्ष्मी अग्रवाल ने भी 8628 वोट हासिल कर अपनी ताकत का अहसास जरूर कराया, मगर वह सहदेव का विजय रथ रोकने में नाकाम रहीं।

कांग्रेस को इस सीट पर अपने पुराने नेताओं व कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का दुष्प्रभाव भी झेलना पड़ा। इस सीट पर कांग्रेस ने 100 से ज्यादा नेताओं का निष्कासन किया, जिनका क्षेत्र में खासा प्रभाव माना जाता है। निष्कासन के उपरांत इन्होंने खुलकर आर्येद्र का समर्थन किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button