Breaking NewsUttarakhand

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर बैठक हुई आयोजित

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा से जुड़े होटल व्यवसायियों, तीर्थपुरोहित समाज व टूर ऑपरेटर्स के साथ बैठक हुई। इस दौरान श्रद्वालुओं की सीमित संख्या करने का विरोध करने पर अपर मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि बैठक में दिए गए सुझावों से सीएम को अवगत कराया जाएगा।

देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सीमित संख्या करने का तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और टूर ऑपरेटरों ने विरोध किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा से जुड़े होटल व्यवसायियों, तीर्थपुरोहित समाज व टूर ऑपरेटर्स के साथ बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार उससे अधिक आने की संभावना है। लिहाजा सरकार हर स्तर पर तैयारियों की समीक्षा कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने से पहले बिजली-पानी की व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाया जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि यात्रा को लेकर पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाए उस दिशा में हम सबको को सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में हमारे प्रदेश की छवि पर्यटन प्रदेश कि रूप में है, ऐसे में हम सबको को इस बात को ध्यान रखना होगा कि जो भी यात्री प्रदेश में आए, वे एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए 2.20 लाख से अधिक श्रद्वालु पंजीकरण करा हो चुके हैं। इस बार पंजीकरण के लिए 65 दिनों का समय दिया गया है, इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से पंजीकरण करने की सुविधा है।

बैठक में गंगा सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, उत्तराखंड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अभिषेक आहलूवालिया, चारधाम महापंचायत से डॉ. बृजेश सती, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित समाज से रजनीकांत सेमवाल ने चारधामों में दर्शन के लिए श्रद्वालुओं की सीमित संख्या करने का विरोध किया।

उन्होंने सुझाव दिया कि आनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण व्यवस्था की जाए। इसके अलावा प्रदेश के लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य न किया जाए। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आश्वासन दिया कि बैठक में दिए गए सुझावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button