National

उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत का राज जानना चाहते हैं विदेशी

जापान के तत्सुओ मुरोता को पार्टी अपनी रणनीति व कार्यक्रमों का ब्यौरा उपलब्ध करा रही है। चुनावी प्रबंधन पर किताब भी छप रही है।

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया तो राजनीतिक दलों के साथ ही विदेशी कंपनियों की निगाह भी उसकी ओर गई। अब जापान समेत कई देशों की कंपनियां भाजपा की जीत का राज जानना चाहती हैं।

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि जापान की ज्योडो न्यूज समेत पांच एजेंसियों ने शोध के लिए अर्जी लगाई है। जापान के तत्सुओ मुरोता को पार्टी अपनी रणनीति व कार्यक्रमों का ब्यौरा उपलब्ध करा रही है। चुनावी प्रबंधन पर किताब भी छप रही है। यह उन राज्यों में काम आयेगी जहां निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।

ध्यान रहे, लोकसभा चुनाव के समय प्रदेश में सिर्फ 54 हजार बूथ कमेटियां थीं। बूथ अध्यक्षों के मोबाइल नंबर पर बात करने पर अनेक बोगस नंबर निकलते। करीब 25 हजार बूथों का गठन कागजी था। तब 1.28 लाख बूथ गठित किये गए। मतदाताओं को घर से बाहर निकालने में यह कमेटियां सबसे बड़ा माध्यम बनीं।

पंचायत चुनाव में भागीदारी 

भाजपा के लोग पंचायत चुनाव लडऩा नहीं चाहते थे लेकिन संगठन मंत्री सुनील बंसल की मशक्कत के बाद लोग तैयार हुए। जिला पंचायत सदस्य के लिए भाजपा मैदान में उतरी। अपेक्षित सफलता नहीं मिली लेकिन, साढ़े तीन हजार प्रतिबद्ध नेता तैयार हो गए।

11 लाख कार्यकर्ताओं से की बात  

भाजपा संगठन में सात प्रतिशत पिछड़े और तीन फीसद दलित थे। संगठन का एक सुनिश्चित ढांचा था जिसे तोड़ते हुए 12 नए पदाधिकारी बनाये गए जो दलित और पिछड़े थे। बैठकों में इस बदलाव का असर हुआ। फिर यह एक महत्वपूर्ण फार्मूला बन गया। नई कमेटियों में बूथ से लेकर प्रदेश तक 67 फीसद पिछड़ों को मौका दिया गया। इसके बाद दूसरे दलों के दलितों और पिछड़े नेताओं को तोडऩे का सिलसिला शुरू हुआ। इससे बसपा में तो भगदड़ ही हो गयी। एक बड़ी वजह यह भी हुई कि पार्टी महामंत्री बंसल और अन्य नेताओं ने 11 लाख 50 हजार कार्यकर्ताओं से फोन पर बात की।

कारगर रहे कार्यक्रम 

धम्म चेतना यात्रा : दलितों को लुभाने के लिए बौद्ध भिक्षुओं की यह यात्रा अप्रैल 2016 में शुरू हुई जिसमें 453 सभा और 593 स्वागत कार्यक्रम हुए।

परिवर्तन यात्रा : चार दिशाओं से निकली परिवर्तन यात्राओं में 20 रैली, 213 सभा और 2537 स्वागत सभाएं हुई जिसके जरिए 50 लाख से अधिक लोगों से संवाद।

सम्मेलन : पार्टी ने 88 युवा, 77 महिला, 200 पिछड़ा, तीन सामाजिक, 18 स्वाभिमान सम्मेलन और 14 व्यापारी सम्मेलन किये। कालेजों में 1650 सभाएं हुईं।

प्रशिक्षण वर्ग : आइटी विभाग की ओर से दो प्रदेश स्तरीय, सात क्षेत्रीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग और 92 इकाइयों में आइटी कॉल सेंटर खोले गये। अलग-अलग नारों के साथ फेसबुक पेज बने जिनके जरिए 40 लाख लोगों को जोड़ा गया।

कार्यक्रमों का सिलसिला : विधायक प्रवास, यूपी के मन की बात, मिस्डकाल नंबर, कमल मेला, युवा टाउन हाल, उड़ान महिलाओं से संवाद, किसान महाअभियान, बूथ विजय अभियान, प्रचार अभियान, दीवार लेखन, कमल संदेश बाइक अभियान, परिवर्तन संदेश वीडियो वैन, परिवर्तन संवाद, नुक्कड़ नाटक, प्रत्याशी संदर्शिका, मीडिया वाच, रिसर्च जैसे कई कार्यक्रम बनाये गये जिनमें भारी सफलता मिली।

विपक्ष हुआ धराशायी   

संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि कांग्रेस ने जब सपा से गठबंधन किया तभी से हमने कांग्रेस से ध्यान हटा लिया। बसपाकी मायावती को क्षति इसलिए उठानी पड़ी क्योंकि वह इस बार सिर्फ मुसलमानों पर केंद्रित हो गयीं जबकि अखिलेश यादव तो अति आत्मविश्वास में थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button