पर्यटकों को लुभाने के साथ रोजगार भी देगा चाय बागान, पढ़िए पूरी खबर
पटौरिया में उद्यान विभाग की भूमि पर विकसित होगा चाय बागान, टी बोर्ड को हस्तांतरित हुई भूमि
अल्मोड़ा। पर्यटन के लिहाज से जिले में विशेष स्थान रखने वाले प्रसिद्ध झांकरसैम मंदिर के पास पटौरिया में जल्द ही चाय बागान अस्तित्व में आएगा। चाय बागान पर्यटकों को लुभाने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खोलेगा। उद्यान विभाग की 19 हेक्टेयर भूमि पर चाय बागान स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए टी बोर्ड को भूमि हस्तांतरित हो गई है। जल्द ही धौलादेवी विकासखंड स्थित झांकरसैम मंदिर के पास चाय बागान लहलहाएगा जिसकी कवायद शुरू हो चुकी है। उद्यान विभाग की पटौरिया स्थित भूमि पर टी बोर्ड 19 हेक्टेयर भूमि पर चाय बागान स्थापित करेगा। बता दें कि झांकरसैम मंदिर में देश के साथ विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं।
ऐसे में यहां टी टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चाय बागान स्थापित किया जा रहा है। यह चाय बागान पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा और यहां की पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगीं। दो हेक्टेयर भूमि में प्लांटेशन कार्य पूरा हो गया है। चयनित भूमि पर प्लांटेशन के लिए 2024 का लक्ष्य तय किया गया है।
चाय बागान से खुलेंगे रोजगार के द्वार
अल्मोड़ा। झांकरसैम मंदिर के आसपास चाय बागान स्थापित होने से पर्यटन कारोबार को गति मिलेगी, वहीं इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। वर्तमान में यहां 40 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है जिनमें 30 महिलाएं शामिल हैं। बागान के अस्तित्व में आने के बाद यहां चाय का उत्पादन होगा तब अन्य स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा।
धौलादेवी में भी प्रस्तावित है चाय फैक्टरी
अल्मोड़ा। जिले में स्थापित बागानों से उत्पादित चाय प्रोसेसिंग के लिए वर्तमान में कौसानी यूनिट भेजी जाती है। धौलादेवी में चाय फैक्टरी खोलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है जिसकी जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर चाय तैयार होगी जिसका स्वाद यहां पहुंचने वाले पर्यटक ले सकेंगे। संवाद
पटौरिया में उद्यान विभाग ने टी बोर्ड को चाय बागान स्थापित करने के लिए भूमि हस्तांतरित कर दी है। स्थानीय लोग प्लांटेशन का कार्य कर रहे हैं जिससे उन्हें रोजगार मिल रहा है। यह बागान पर्यटकों को आकर्षित करने में भी सहायक होगा।
– अनिल खोलिया, वित्त अधिकारी, टी बोर्ड, अल्मोड़ा।