देवभूमि को दूषित कर रहे जंगलों में बने अवैध रिर्सोट और होम स्टे
ताजा मामला सहसपुर के संजीवनी रिजॉर्ट का है। पिछले साल कैसिनो पकड़े जाने के बाद इस क्षेत्र के तमाम रिजॉर्ट में सत्यापन और चेकिंग अभियान चला था। मगर, एक साल के भीतर ही संचालक के हौसले इतने बुलंद हो गए कि यहां रेव पार्टी तक होने लगी।
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में शहरों के आसपास जंगलों में बने कुछ बदनाम रिजॉर्ट और होम स्टे सैंटर देवभूमि की फिजा खराब कर रहे हैं। ये चंद रिजॉर्ट यहां सैरसपाटे नहीं बल्कि जंगल में मंगल का अड्डा बने हैं। कोई बड़ा मामला आने के बाद यहां चेकिंग और सत्यापन अभियान चलता है। इसके बाद गुपचुप तरीके से फिर यहां पहले जैसी अवैध गतिविधियां होने लगती हैं।
देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार समेत कई शहरों के आसपास जंगलों में प्राइवेट रिजॉर्ट खुले हैं। यहां हर साल हजारों की तादाद में लोग सैरसपाटे के लिए आते हैं। नामी-गिरामी हस्तियां भी बड़े आयोजनों के लिए इन रिजॉर्ट को चुनती हैं। लेकिन, इनमें से कई के सिर बदनामी का भी सेहरा बंधा है। ऋषिकेश के पास वनंत्रा रिजॉर्ट में क्या-क्या होता था, यह सब बातें पिछले साल वहां की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के बाद सामने आई थीं। पता चला था कि वहां बड़े-बड़े लोग आते थे, जिन्हें शराब, ड्रग्स और तमाम अवैध चीजें परोसी जाती थीं। रिजॉर्ट का मालिक अंकिता पर भी एक वीआईपी को विशेष सर्विस देने का दबाव बना रहा था।
अब ताजा मामला सहसपुर के संजीवनी रिजॉर्ट का है। पिछले साल कैसिनो पकड़े जाने के बाद इस क्षेत्र के तमाम रिजॉर्ट में सत्यापन और चेकिंग अभियान चला था। मगर, एक साल के भीतर ही संचालक के हौसले इतने बुलंद हो गए कि यहां रेव पार्टी तक होने लगी। बताया जा रहा है कि इस तरह की रेव पार्टियां यहां रोज होती थीं। अब एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने फिर क्षेत्र के सभी रिजॉर्ट में समय-समय पर औचक चेकिंग और सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
वहींं इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश वासियों, राज्य आन्दोलनकारियों, समाजसेवियों और बुद्धिजीवी वर्ग ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती का कहना है कि अंकिता भंडारी की हत्या के बाद अभी भी रिजॉर्टस में हो रहे जिस्मफरोशी के धंधे पर रोक लगाने में उत्तराखंड सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। सहसपुर क्षेत्र के संजीवनी रिजॉर्ट में पकड़ी गई 14 लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में शामिल पाये जाने की घटना शर्मनाक है। इस कुसंस्कृति पर यदि राज्य में पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई तो देवभूमि की गरिमा भविष्य में थाईलैंड की तरह मिट्टी में मिल जाएगी।
वहीं संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी के अनुसार देवभूमि उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं होना बेहद शर्मनाक है। ऐसे घिनौने कार्य करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड सरकार से मांग करते हैं कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अभियान पर पलीता लगाने वाले रिजॉर्ट्स माफियाओं पर तत्काल कठोर कार्यवाही की जाए।