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राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट की बैठक में मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल प्रतिभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एस.पी.वी) का गठन, पर्यावरणीय अनुमति, शेयर होल्डर एग्रीमेंट व स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट, ग्राउण्ड वाटर अनुमति एवं सीडा द्वारा मानचित्र के अनुमोदन की कार्यवाही की जा चुकी है।

नई दिल्ली/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट की शीर्ष मॉनिटरिंग अथॉरिटी की दूसरी बैठक में सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। उन्होंने उत्तराखण्ड के किच्छा तहसील के अन्तर्गत लगभग 1000 एकड़ पर विकसित किये जाने वाले अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरिडोर प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में लगभग 7500 करोड का प्रत्यक्ष निवेश व युवाओं के लिए लगभग 20000 रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एस.पी.वी) का गठन, पर्यावरणीय अनुमति, शेयर होल्डर एग्रीमेंट व स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट, ग्राउण्ड वाटर अनुमति एवं सीडा द्वारा मानचित्र के अनुमोदन की कार्यवाही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों के सम्पन्न होने के बाद यह परियोजना प्रारम्भ करने के स्थिति में हैं। राज्य सरकार ने एस.पी.वी. को भूमि लीज पर दिये जाने हेतु सिडकुल को उपलब्ध करा दी है। इसी तरह अवस्थापना विकास कार्यों हेतु इंटरनल डेवलपमेंट के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। बाह्य अवस्थापना कार्यों जैसे विद्युत आपूर्ति एवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु यूपीसीएल एवं सिंचाई विभाग से डीपीआर बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार से एस.पी.वी में अपना अंश जो कि लगभग 410 करोड़ है, का योगदान मिलने से समस्त अवस्थापना के कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण किये जायेंगे। उन्होंने एस.पी.वी में अपना अंश जल्द देने का केन्द्र सरकार से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत औद्योगिक प्रोत्साहन योजना को और विस्तार देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां लगभग उत्तर पूर्वी राज्यों की भांति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को आर्थिक केन्द्र बनाते हुए लगभग 3000 एकड़ पर ग्रीन फील्ड सिटी बनाने की परियोजना पर भी कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में एम्स का सेटेलाईट सेंटर, किच्छा डिग्री कॉलेज एवं बस अड्डा का कार्य प्रारम्भ हो चुका है एवं रोड चौड़ीकरण के प्रथम चरण का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है। इस क्षेत्र से लगभग 15 मिनट की दूरी पर पन्तनगर एयरपोर्ट है, इसको इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए योजना अन्तिम चरण में है। इस तरह राज्य सरकार एक योजनाबद्ध तरीके से इस क्षेत्र के लिए सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है।

बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सचिव डीपीआईआईटी राजेश कुमार, विशेष सचिव सुमीता डाबरा उपस्थित थे।

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