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इस राज्य में भी पढ़ाया जाएगा वीर सावरकर का पाठ, सरकार के फैसले पर उठे सवाल

यूपी के बाद अब एमपी की पाठशालाओं में वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा। शिवराज सरकार के इस फैसले पर सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस पूछ रही है आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का पाठ क्यों पढ़ाया जाए।

भोपाल। पहले उत्तर प्रदेश और अब मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों को वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा। अबसे वीर सावरकर की गाथा को एमपी बोर्ड के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। शिवराज सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने साफ कर दिया कि अब तक कांग्रेस ने बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाया है। जो सच है वो अब मध्यप्रदेश सरकार स्कूली बच्चों को पढ़ाएगी। यही वजह है कि जिन क्रांतिकारियों को कांग्रेस ने इतिहास में जगह नहीं दी, वो काम बीजेपी सरकार करेगी।

“सावरकर महापुरुष नहीं, माफी मांगने वाले पुरुष”

जिक्र सावरकर का हो और कांग्रेस एतराज न जताए ऐसा हो नहीं सकता। भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद इस फैसले पर सवाल कर रहे हैं कि आखिर किस हैसियत से सावरकर का पाठ स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाएगा। आरिफ मसूद का कहना है कि जिन सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी वो पत्र सोशल मीडिया पर हैं। भाजपा सावरकर को महापुरुष कहती है, लेकिन वह महापुरुष नहीं माफी मांगने वाले पुरुष हैं।

“नेहरू के चलते इतिहास का गलत चित्रण किया”

वहीं शिवराज सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री मानते हैं कि कांग्रेस ने नेहरू के चलते इतिहास का गलत चित्रण किया। यूनानी लुटेरों को सिकंदर के इतिहास को दिखाया लेकिन महाराणा प्रताप, शिवाजी, विक्रमादित्य सब का अपमान किया। इसलिए भारतीय जनता पार्टी आजादी के आंदोलन में शामिल सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों का इतिहास बताएगी।

यूपी में भी पढ़ाई जा रही वीर सावरकर की जीवनी

गौरतलब है कि यूपी में हाल ही में कक्षा 9 से 12वीं के सिलेबस में वीर सावरकर की जीवनी शामिल की गई है। ऐसे में मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले यूपी की तरह बच्चों के सिलेबस में वीर सावरकर का पाठ पढ़ाने का फैसला सियासी विवाद खड़ा कर रहा है।

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