संयुक्त नागरिक संगठन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, की ये मांग
सेवानिवृत्त पैशनर सुशील त्यागी का कहना है कि मुख्यमंत्री की हैसियत से धामी इस पर स्वतंत्र निर्णय लेने हेतु भी अधिकृत हैं। प्राधिकरण की योजना में शामिल होने से रह गये तीस हजार पेंशनर्स को भी पुनः योजना में शामिल होने का अवसर देने की मांग भी अन्त में की गयी है।
देहरादून। उत्तराखंड के डेढ़ लाख पेंशनर्स के हित में ओपीडी चिकित्सा को कैशलेस करने तथा राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना में पेंशनर्स को शामिल होने का पुन: मौका दिए जाने की मांग करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखा गया है।
बताया गया है कि संदर्भित योजना में पेंशनर्स को आईपीडी की कैशलेस सुविधा दी गई है जिसका भुगतान पेंशनर्स द्वारा अपनी पेंशन में से मासिक अनुदान के रूप में प्राधिकरण को जमा कराई गई राशी में से ही होता है। इसमें राज्य सरकार पर कोई वित्तीय भार नही है। प्राधिकरण के सभी खर्च भी इसी राशि में से ही पूरे होते हैं।
कहा गया है कि राज्य के अधिकांश पेंशनर्स जो वृद्धावस्था में होने वाली साधारण बीमारियों से ग्रस्त होते हैं उन्हें निकटस्थ ओपीडी में नियमित जांच पड़ताल, खून की जांच, एक्स-रे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन के साथ रोगों की रोकथाम हेतु दवाइयां की आवश्यकता होती है। इनमें ओंकरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएस्ट्रोलॉजी के विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श कर उपचार लेना भी होता है। साधारण चोटो में इन्हें आपातकालीन अल्प चिकित्सा की भी आवश्यकता होती है। विगत दो साल से राज्य के पेंशनर्स संगठन लगातार यह मांग करते चले आ रहे है। इसके लिए सरकार को अपनी जेब से धेला भी खर्च नही होना है और इसके लिए कोई विधिक कठिनाई भी नहीं है।
सेवानिवृत्त पैशनर सुशील त्यागी का कहना है कि मुख्यमंत्री की हैसियत से धामी इस पर स्वतंत्र निर्णय लेने हेतु भी अधिकृत हैं। प्राधिकरण की योजना में शामिल होने से रह गये तीस हजार पेंशनर्स को भी पुनः योजना में शामिल होने का अवसर देने की मांग भी अन्त में की गयी है, प्रदान करने का कष्ट करें। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यसचिव, सचिव स्वास्थ्य, सचिव स्वास्थ्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी व राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड को भी भेजी गयी है।