केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लिए तय की चुनावी लाइन लैंथ
सियासी जानकारों का मानना है कि शाह की इस नसीहत के बाद अब भाजपा संगठन के नट बोल्ट में और कसावट नजर आएगी। अमित शाह के साथ भाजपा नेताओं की जो बातें छन कर बाहर आई हैं, उससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं शाह चुनावी तैयारियों में और परिश्रम चाहते हैं।
देहरादून। भाजपा के मुख्य रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के चुनाव में पांचों सीटें जीतने के लिए चुनावी लाइन लैंथ तय कर दी है। अब पार्टी का कोई भी नेता इससे बाहर नजर नहीं आएगा। उन्होंने साफ कर दिया कि संगठन को चुनावी तैयारियों के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी। पार्टी कार्यालय में उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों को ऐसी नसीहत दी कि इस बारे में कोई भी नेता कुछ बताने को तैयार नहीं है। सियासी जानकारों का मानना है कि शाह की इस नसीहत के बाद अब भाजपा संगठन के नट बोल्ट में और कसावट नजर आएगी।
अमित शाह के साथ भाजपा नेताओं की जो बातें छन कर बाहर आई हैं, उससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं शाह चुनावी तैयारियों में और परिश्रम चाहते हैं। भाजपा के कोई भी नेता कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। जो बातें अंदर से आई हैं, उनसे स्पष्ट है कि भाजपा और आक्रामक प्रचार करती दिखेगी। खासतौर पर सोशल मीडिया पर। शाह ने निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया पर विरोधियों के दुष्प्रचार का प्रमाणिकता के साथ जवाब दिया जाना चाहिए। साथ ही संगठन और अपनी गरिमा को भी बनाए रखना है।
लोकसभा की पांचों सीटों को जीतने के लिए नसीहत के साथ मंत्र भी दिए
सूत्रों के मुताबिक, शाह चाहते हैं कि जमीनी प्रचार से लेकर सोशल मीडिया मंच के जरिये भाजपा सरकारों के अच्छे काम हर व्यक्ति तक पहुंचने चाहिए। राज्य में केंद्रीय योजना के जरिये जो विकास कार्य हो रहे हैं, उनमें और तेजी आनी चाहिए और इनका प्रचार भी होना चाहिए। यानी मोदी और धामी सरकारों के जनहित से जुड़े जो कल्याणकारी काम हुए हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के लिए पार्टी और ताकत लगाती नजर आएगी। माना जा रहा है कि बागेश्वर उपचुनाव में जीत का अंतर घटने को केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि शाह ने लोकसभा की पांचों सीटों को जीतने के लिए नसीहत के साथ मंत्र भी दिए। साथ ही इन्हें मीडिया से साझा न करने के लिए ताकीद भी कर दिया।