मुख्यमंत्री धामी बोले- सनातन संस्कृति के संरक्षक हैं धीरेंद्र शास्त्री
मुख्यमंत्री धामी के साथ जैसे ही धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे तो ढोल-नगाड़ों की थाप और जय श्रीराम के नारों के साथ भक्तों ने उनका स्वागत किया। पूरा कार्यक्रम स्थल श्रीराम और हनुमान के भजनों से गुंजायमान रहा। कार्यक्रम के लिए भक्त शुक्रवार से जुटने शुरू हो गए थे।
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित में धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने पं. धीरेंद्र शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें सनातन संस्कृति का संरक्षक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री हमारी सनातन संस्कृति के संरक्षक के रूप में भारत की सही पहचान भावी पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के माध्यम से उन्हें इस दिव्य दरबार में बालाजी महाराज के प्रति अपनी आस्था को साझा करने का अप्रतिम अवसर प्राप्त हुआ है। ऐसे पावन दरबार में हाजिरी लगाने का सौभाग्य कम लोगों को ही प्राप्त होता है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर का सीएम आवास आगमन पर स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ हुआ स्वागत
कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री के साथ जैसे ही धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे तो ढोल-नगाड़ों की थाप और जय श्रीराम के नारों के साथ भक्तों ने उनका स्वागत किया। पूरा कार्यक्रम स्थल श्रीराम और हनुमान के भजनों से गुंजायमान रहा। कार्यक्रम के लिए भक्त शुक्रवार से जुटने शुरू हो गए थे।
बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे दूर-दूर से
उत्तराखंड के साथ ही अन्य प्रदेशों से भक्त दून पहुंचे। सुबह से ही महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग दरबार शुरू होने का इंतजार करते रहे। सहारनपुर निवासी सूरज कटारिया ने बताया की वह बाबा के पहली बार दर्शन कर रहे हैं। उनकी आस्था है की उनकी सारी परेशानी दूर हो जाएगी।
आईएसबीटी निवासी वसंती देवी ने बताया कि वह चार बार बाबा के दर्शन कर चुकी हैं। इस बार भी बाबा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। ऋषिकेश की दीपा नेगी ने कहा कि बाबा के दर्शन की काफी समय से इच्छा थी। नारियल बेचने वाली महिला ने बताया कि वह बाबा की नगरी से 25 किलोमीटर दूर से हैं। वह शुक्रवार की रात को ही देहरादून आ गई थीं।