उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में इन अहम फैसलों पर लगी मुहर
Uttarakhand Cabinet Meeting : कन्याधन योजना के लाभ से वंचित रह गईं 35088 बेटियों को लाभ देने का फैसला किया है। उन्हें 15,000 की दर से धनराशि मिलेगी। इस पर सरकार 52 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च करेगी।
देहरादून। तीन राज्यों में भाजपा की शानदार जीत का उत्साह प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में भी नजर आया। छात्रों, बेटियों और गांवों तक जनसुविधाओं की राह खोलते हुए धामी सरकार ने अपने फैसलों में लोकसभा चुनाव की तैयारी के संकेत भी साफ कर दिए। बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 250 से कम आबादी वाले 3177 गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना को मंजूरी दी गई। प्रेस ब्रीफिंग में सचिव (मंत्रिपरिषद) शैलेश बगौली ने बताया कि इसमें 1142 ऐसे गांव भी हैं, जो मानक पूरे नहीं करते। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेजों में शिक्षकों के 15 दिन से छह महीने की छुट्टी पर जाने की स्थिति में भी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
प्रति वादन के हिसाब से सहायक अध्यापक और प्रवक्ता रखने की अनुमति
कैबिनेट ने ऐसी स्थिति में माध्यमिक शिक्षा विभाग को प्रति वादन के हिसाब से सहायक अध्यापक और प्रवक्ता रखने की अनुमति दे दी है। ऐसे 1500 से 2000 शिक्षक रखे जा सकेंगे। कैबिनेट ने वर्ष 2009 से वर्ष 2016-17 के दौरान आवेदन के बावजूद कन्याधन योजना के लाभ से वंचित रह गईं 35088 बेटियों को लाभ देने का फैसला किया है। उन्हें 15,000 की दर से धनराशि मिलेगी।
इस पर सरकार 52 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च करेगी। छात्र-छात्राओं को आधुनिक और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रदेश में 559 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना होगी। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया जाएगा, जिसके 15 किमी की परिधि में अधिक से अधिक राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इंटर कालेज संचालित हों। इन पर 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा बधाई व धन्यवाद संदेश
कैबिनेट बैठक में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैबिनेट की ओर से एक बधाई संदेश भेजने का फैसला किया गया। साथ ही सिलक्यारा टनल हादसे में मार्गदर्शन और सहयोग और राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड को देने के लिए धन्यवाद संदेश भी भेजा जाएगा।
निजी भूमि पर हेलिपेड बनाने की नीति मंजूर
जहां सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है वहां निजी भूमि पर हेलिपेड बनाने के लिए प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दे दी गई है। नीति के तहत हेलिपेड बनाने पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। लीज पर भूमि भी दी जा सकती है।