Corona Virus : उत्तराखंड के चार मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर उत्तराखंड सरकार अलर्ट है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान करने के लिए चार राजकीय मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा है।
देहरादून। देश के 11 राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मामलों को लेकर उत्तराखंड भी अलर्ट है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान करने के लिए चार राजकीय मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा है। एहतियात के तौर पर प्रदेश में प्रतिदिन संदिग्ध लक्षणों के आधार पर 100 से अधिक सैंपलों की जांच की जा रही, लेकिन अभी तक कोरोना संक्रमण का नया मामला नहीं मिला है। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट जेएन.1 तेजी से प्रसार कर रहा है। इसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जांच और निगरानी बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
इसके आधार पर प्रदेश सरकार ने कोविड की एसओपी जारी की है। अस्पतालों में आने वाले खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधित मरीजों की लक्षण के आधार पर सैंपल जांच करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान के लिए पॉजिटिव सैंपलों की अनिवार्य रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग कराने को कहा गया।
वर्तमान में कोविड की आरटीपीसीआर जांच के लिए प्रदेश में 50 से अधिक पैथोलॉजी लैब स्थापित हैं। इसमें 13 लैब सरकारी हैं, लेकिन संक्रमित सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा में है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया, सभी जिलों को निर्देश दिए गए कि जांच में पॉजिटिव कोविड सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए।
कहा, जिससे कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लग सके। हालांकि, प्रदेश में अभी तक कोरोना संक्रमण को एक भी मामला नहीं है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर एहतियात बरतें।