कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हेमा मालिनी पर की अभद्र टिप्पणी, भाजपा में रोष
बीजेपी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर मथुरा से सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।
#RespectWomen: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को लेकर विवादित बयान दिया है। हरियाणा के कैथल में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हम लोगों को विधायक और सांसद आप लोग इसलिए बनाते हैं ताकि जनता की आवाज संसद में उठा सकें। ‘कोई हेमा मालिनी तो है नहीं….. । कोई फ़िल्म स्टार तो हैं नहीं’। हम तो हेमा मालिनी का भी सम्मान करते हैं क्योंकि धर्मेन्द्र के यहां शादी कर रखी है जो बहू हैं हमारी। ये लोग कोई फ़िल्म स्टार तो हो सकते हैं। लेकिन कोई मुझे या गुप्ता जी को इसीलिए आप सांसद-विधायक बनाते हैं ताकि हम लोग आपकी सेवा कर सकें। रणदीप सुरजेवाला ने यह बयान पूंडरी विधानसभा के गांव फ़रल में दिया।
सुरजेवाला के बयान पर भड़की बीजेपी
उधर, बीजेपी ने रणदीप सुरजेवाला के इस बयान की कड़ी निंदा की है। भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि प्रमुख विपक्षी पार्टी महिलाओं से नफरत करती है। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कांग्रेस सांसद सत्तारूढ़ दल पर हमला करते हुए अभिनेत्री-नेता के बारे में कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। हालांकि, यह नहीं पता चला कि यह वीडिया कब का है।
अमित मालवीय ने साधा कांग्रेस पर निशाना
उन्होंने कहा, “कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हेमा मालिनी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है, जो न केवल उनके लिए बल्कि सभी महिलाओं के लिए अपमानजनक है। उन्होंने सुरजेवाला का वीडियो साझा करते हुए कहा, यह राहुल गांधी की कांग्रेस है, जो महिलाओं से नफरत करती है। हेमा मालिनी इस लोकसभा चुनाव में भी मथुरा से भाजपा की उम्मीदवार हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार हरियाणा में जोरों पर है। बीजेपी-कांग्रेस की तरफ आरोप-प्रत्यारोप लगातार जारी है।
सुरजेवाला ने अपने बयान पर दी सफाई
वहीं, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर अपने बयान पर सफाई दी है। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की आईटी सेल को काट-छांट, तोड़-मरोड़, फर्ज़ी-झूठी बातें फ़ैलाने की आदत बन गई है, ताकि वो हर रोज मोदी सरकार की युवा विरोधी, किसान विरोधी, गरीब विरोधी नीतियों-विफलताओं व भारत के संविधान को ख़त्म करने की साज़िश से देश का ध्यान भटका सकें।