नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा बनी एमडीडीए पार्किंग
देहरादून। राजधानी के केन्द्र बिन्दु घंटाघर पर स्थित एमडीडीए पार्किंग को आमजन की सहुलियतों के मद्देनजर प्रशासन द्वारा बनाया गया था किन्तु अब ये जगह आसपास के नशेड़ियों और जुआरियों का अड्डा बन चुकी है। गौरतलब है कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ये वाहन पार्किंग इस लिहाज से बनायी गई थी कि सड़कों पर यातायात का दबाव कम हो और लोग रास्ते में अपना वाहन ना खड़ा करके इस पार्किंग में वाहनों को खड़ा करें किन्तु यहां पार्किंग स्थल के बीचों-बीच ही जुंआरी और नशेड़ी जमघट लगाये नजर आते हैं।
दिन-दहाड़े धड़ल्ले से इस स्थल में नशेड़ियों को नशा करते हुए देखा जा सकता है। वहीं भांग शराब और चरस के नशे में चूर ये नशेड़ी आसपास से गुजर रही युवतियों और महिलाओं से अभद्रता करते हुए भी आसानी से देखे जा सकते हैं किन्तु इनकी हरकतों पर रोक लगाने की जहमत कोई नहीं उठाता जिससे इन नशेड़ियों का हौसला चरम पर है। साथ ही पार्किंग व्यवस्था संभाल रहे ठेकेदारों का संरक्षण भी इन्हें प्राप्त है।
इतना ही नहीं पार्किंग संचालकों द्वारा वाहन स्वामियों से निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क जबरन वसूला जा रहा है। यदि वाहन चालक इसका विरोध करता है तो पार्किंग संचालक अपने नशेड़ी चेलों को बुलाकर मारपीट पर उतारू हो जाता है। यही नहीं पूर्व सैनिकों, राज्य आंदोलनकारियों और पत्रकारों से भी पार्किंग संचालक द्वारा पार्किंग के नाम पर जबरन वसूली करने की शिकायतें सामने आयी हैं। एक ताजा प्रकरण के अनुसार उक्त पार्किंग संचालक के द्वारा एक वरिष्ठ पत्रकार से जबरन अधिक पार्किंग शुल्क वसूला गया जब पत्रकार ने इसका विरोध किया तो पार्किंग संचालक व उसके शराबी गुर्गों द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट की गई। ऐसी ही एक शिकायत कुछ दिनों पूर्व राज्य आन्दोलनकारी एक महिला द्वारा भी की गई थी।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्किंग स्थल पर दिनभर शराबियों का जमघट लगा रहता है। ये लोग दिनभर इस क्षेत्र में हुड़दंग मचाते हैं और साथ ही वाहनों में सेंध लगाकर टप्पेबाजी व चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। लोगों के अनुसार निर्माणाधीन एमडीडीए काम्प्लेक्स से कई बार निर्माण सामग्री के गायब होने की सूचनाएं भी मिली हैं, संदेह है कि इन नशेड़ियों के द्वारा ही इस कृत्य को अंजाम दिया गया होगा।
किन्तु इस पर भी पुलिस प्रशासन मौन है। कोतवाली क्षेत्र की धारा चोकी के ठीक सामने स्थित इस काम्प्लेक्स की पार्किंग में ये सब खुलेआम हो रहा है किन्तु पुलिस को इसकी भनक तक नहीं या वो जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है। ये एक यक्ष प्रश्न है जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।