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मुख्यमंत्री धामी ने कहा- उत्तराखंड में जल्द लागू किया जाएगा यूसीसी

Uttarakhand Cabinet Decision: प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी का प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान कैबिनेट ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) अब महज एक कदम दूर रह गई है। सोमवार को धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता की नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके तहत विवाह से लेकर तलाक, लिव इन रिलेशनशिप आदि के प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनेंगे। दूरस्थ गांवों में इसे पहुंचाने के लिए जनसेवा केंद्रों (सीएससी) की मदद ली जाएगी।

निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें समान नागरिक संहिता नियमावली 2025 को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) आदि सभी प्रावधान शामिल किए गए हैं। यूसीसी के कुशल क्रियान्वयन के लिए अत्याधुनिक तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।

नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए हैं। जिनमें आधार आधारित सत्यापन, 22 भारतीय भाषाओं में एआई से अनुवाद, 13 से अधिक विभागों की सेवाओं (जन्म-मृत्यु पंजीकरण, जिला, उच्च न्यायालय आदि) से डाटा समन्वय तक की सुविधा उपलब्ध है।

तत्काल सेवा के तहत पंजीकरण का अलग शुल्क
यूसीसी के विभिन्न पंजीकरण विवाह, तलाक, विवाह शून्यता, सहवासी संबंधी, वसीयत आदि होंगे। सरकार ने तत्काल के तहत त्वरित पंजीकरण के लिए अलग से शुल्क निर्धारित किया है। सहवासी संबंधों के पंजीकरण व समाप्ति की प्रक्रिया भी सरल बनाई गई है। एक साथी की ओर से समाप्ति के आवेदन पर दूसरे की पुष्टि अनिवार्य होगी। उत्तराधिकार में वसीयत को पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन पंजीकरण एवं संशोधन, रद्दीकरण, पुनर्जीवन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

कैबिनेट में ये भी हुए फैसले
– उत्तराखंड राज्यपाल सचिवालय राजपत्रित अधिकारी और निजी सचिव द्वितीय संशोधन नियमावली को मंजूरी।
– वित्त विभाग का वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन में संशोधन।
– उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय समूह ”घ” सेवा नियमावली के प्रख्यापन के संबंध में।
– 29 से 31 जुलाई 2024 तक गौरीकुंड से केदारनाथ के मध्य क्षतिग्रस्त संपत्तियों के लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग द्वारा किए गए पुनर्निर्माण के कुछ कार्यों को आपदा की दृष्टिगत अधिप्राप्ति नियमावली 2017 के अधीन छूट प्रदान किए जाने का निर्णय।

प्रदेश की जनता के साथ हमारा जो वादा, संकल्प था, वह पूरा हो रहा है। जब 2022 के विधानसभा चुनाव में हम देवभूमि की जनता के बीच गए थे तो हमने उनसे वादा किया था, संकल्प लिया था कि हम समान नागरिक संहिता लाएंगे। अब देश में सबसे पहले यूसीसी लागू करने वाला राज्य देवभूमि उत्तराखंड बनने जा रहा है। हम जल्द ही इसकी तिथि की घोषणा करेंगे।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

 

21 जनवरी को वेबपोर्टल पर पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा। फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी। इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है। मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी। मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी।

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