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इन फ़िल्मों से चमकी है सलमान के करियर की Tubelight

मुंबई। सलमान ख़ान बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार माने जाते हैं। पिछले कुछ सालों से उनके नाम का मतलब है सफलता की 100 फ़ीसदी गारंटी। मगर, आपको ये जानकर ताज्जुब होगा कि जिन फ़िल्मों ने सलमान को बॉलीवुड का Most Wanted ख़ान बनाया है, उनमें से अधिकांश ओरिजिनल नहीं हैं। जी हां, सलमान या तो रीमेक या फिर अडेप्टेड फ़िल्मों के ज़रिए सुपरस्टार बने हैं।

इस लिस्ट को लंबा कर रही है ‘ट्यूबलाइट’, जिसे कबीर ख़ान ने डायरेक्ट किया है। ये फ़िल्म हॉलीवुड मूवी ‘लिटिल बॉय’ का हिंदी अडेप्टेशन है। फ़िल्म में सलमान और सोहेल ख़ान भाई के रोल में हैं।

सोहेल फ़ौजी हैं, जो 1962 के इंडो-चाइना वॉर में जाते हैं और गुम हो जाते हैं। मंदबुद्धि बने सलमान उन्हें खोजने निकलते हैं। कबीर ने ‘ट्यूबलाइट’ को सलमान के फ़ैंस और पृष्ठभूमि के हिसाब के बदल दिया है। सूरज़ बड़जात्या डायरेक्टेड ‘प्रेम रतन धन पायो’ को अगर आप ओरिजिनल फ़िल्म समझ रहे हैं तो ये ग़लतफ़हमी भी दूर कर लीजिए।

ये फ़िल्म साउथ कोरियन मूवी ‘मास्करेड’ से प्रेरित बतायी जाती है, जो ख़ुद एंथनी होप के नॉवल ‘द प्रिज़नर ऑफ़ जेंडा’ पर बेस्ड है। 2014 में आयी सलमान ख़ान की ‘किक’ से प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला ने डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था। ये फ़िल्म 2009 में इसी टाइटल से आयी तेलुगु फ़िल्म का ऑफ़िशियल रीमेक है।

2011 में आयी बॉडीगार्ड को सिद्दीक़ ने लिखा और डायरेक्ट किया। सलमान की ये सुपरहिट सिद्दीक़ की इसी नाम से रिलीज़ हुई मलयालम फ़िल्म का रीमेक है, जो 2010 में आयी थी। सिद्दीक़ ने इस फ़िल्म से बॉलीवुड में डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था। 2011 में ही रिलीज़ हुई सलमान की दूसरी 100 करोड़ की फ़िल्म ‘रेडी’ को अनीस बज़्मी ने डायरेक्ट किया था, मगर ये फ़िल्म भी ओरिजिनल नहीं है। ‘रेडी’ भी इसी नाम से 2008 में आयी तेलुगु सुपरहिट का ऑफ़िशियल रीमेक है।

अब बात उस फ़िल्म की, जिसने सलमान को रीसेंट टाइम्स में मोस्ट वांटेड ख़ान बनाया। 2009 में आयी एक्शन फ़िल्म ‘वांटेड’ को प्रभु देवा ने डायरेक्ट किया और ये फ़िल्म 2006 की तेलुगु हिट ‘पोकरी’ का आधिकारिक रीमेक है। अगर आपको लगता है कि सलमान ने हाल-फिलहाल से ही रीमेक फ़िल्मों में काम करना शुरू किया होगा तो अपनी इस ग़लतफ़हमी को भी दूर कर लीजिए, क्योंकि Remade and Copied  फ़िल्मों का सिलसिला सलमान के करियर में बहुत पहले शुरू हो गया था।

2008 में आयी सलमान की ‘गॉड तुसी ग्रेट’ हो हॉलीवुड फ़िल्म ‘ब्रुस ऑलमाइटी’ की कॉपी थी, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी। 2007 में आयी ‘पार्टनर’ को डेविड धवन ने डायरेक्ट किया था, जो हॉलीवुड फ़िल्म ‘हिच’ से प्रेरित थी। 2005 की’ हिच’ में विल स्मिथ ने लीड रोल निभाया था। ये वो दौर था, जब बॉलीवुड में हॉलीवुड फ़िल्मों को अनऑफ़िशियली रीमेक किया जा रहा था, मगर दर्शक उन्हें ओरिजिनल समझते थे, क्योंकि तब तक हॉलीवुड फ़िल्में भारतीय दर्शकों की पहुंच से दूर थीं।

2007 में ही आयी सलमान स्टारर ‘सलामे-इश्क़’ 2003 की ब्रिटिश फ़िल्म ‘लव एक्चुअली’ का अनाधिकृत रीमेक थी। 2005 में सलमान ने ‘क्योंकि’ में काम किया और ये फ़िल्म 1986 की मलयालम फ़िल्म ‘थलेवट्टम’ का ऑफ़िशियल रीमेक थी, जो इंग्लिश नॉवल One Flew Over the Cuckoo’s Nest से प्रेरित बतायी जाती है।

2005 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘नो एंट्री’ को अनीस बज़्मी ने डायरेक्ट किया था। ये फ़िल्म तमिल सुपरहिट ‘चार्ली चैपलिन’ का रीमेक थी। 2005 की ही फ़िल्म ‘मैंने प्यार क्यों किया’ 1969 की इंग्लिश फ़िल्म ‘कैक्टस फ्लॉवर’ की कॉपी थी। ‘कैक्टस फ्लॉवर’ ख़ुद फ्रेंच प्ले Fleur de cactus से प्रेरित थी।

2004 में सलमान ने ‘दिल ने जिसे अपना कहा’ में काम किया, जिसे उनके जीजा जी अतुल अग्निहोत्री ने डायरेक्ट किया था। ये फ़िल्म 2002 में आयी तेलुगु फ़िल्म ‘नी थोडु कवली’ पर आधारित थी। अतुल ने इस फ़िल्म से डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था।

डेविड धवन डायरेक्टेड ‘बीवी नंबर वन’ 1995 की तमिल फ़िल्म ‘साथी लीलावती’ का रीमेक थी। 1998 में आयी ‘बंधन’ तमिल फ़िल्म ‘पंडीथुरई’ का रीमेक थी। 2004 में रिलीज़ हुई सलमान की फ़िल्म ‘फिर मिलेंगे’ को रेवती ने डायरेक्ट किया था। एड्स जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी ये फिर मिलेंगे अमेरिकन फ़िल्म ‘फिलाडेल्फिया’ से प्रेरित थी। 2003 में आयी ‘तेरे नाम’ सलमान के करियर की बेहतरीन फ़िल्मों में शामिल है। सतीश कौशिक ने सलमान को डायरेक्ट किया था। ये यादगार फ़िल्म बाला की तमिल फ़िल्म ‘सेतु’ का रीमेक थी। ‘तेरे नाम’ को भी बाला ने लिखा था।

अब बात सलमान के करियर की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक ‘हम आपके हैं कौन’ की, जो 1994 में रिलीज़ हुई थी। हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब फ़िल्मों में शामिल इस फ़िल्म को सूरज बड़जात्या ने डायरेक्ट किया था। इंटरेस्टिंगली ‘हम आपके हैं कौन’ राजश्री प्रोडक्शंस की अपनी ही फ़िल्म ‘नदिया के पार’ का रीमेक थी, जिसे गांव से निकालकार शहरी माहौल में शिफ़्ट कर दिया गया था।

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