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राजनीति का शिकार बनी श्रेष्ठा ठाकुर

नई दिल्ली। बीजेपी नेता को सबक सिखाने वाली महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार को बुलंदशहर से बहराइच तबादला कर दिया गया है। ठाकुर ने स्थानीय बीजेपी नेता समेत पांच लोगों को पुलिस कार्यवाही में दखल देने और पुलिस अधिकारी से बदतमीजी करने के आरोप में जेल भेज दिया था।

हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, श्रेष्ठा ठाकुर के तबादले को स्थानीय नेता अपना सम्मान मान रहे हैं। साथ ही वह ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। बुलंदशहर से बीजेपी अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बताया कि ठाकुर पर सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया गया है।

बताते चलें कि श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर में बतौर सीओ तैनात थीं। पुलिस ने कुछ दिनों पहले जिले के स्याना कस्बे में बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य के पति प्रमोद लोधी का ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान किया था। चालान काटे जाने से नाराज प्रमोद पुलिस से उलझ गया। हाथापाई की नौबत आ गई, जिसके बाद पुलिस ने बाइक सीज कर प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया।

इसी बात को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने श्रेष्ठा ठाकुर के साथ बदसलूकी की। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। प्रमोद को जब कोर्ट लाया गया, तब काफी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और सीओ श्रेष्ठा ठाकुर के बीच जमकर बहस हुई।

बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पुलिस अधिकारी ट्रैफिक नियमों के नाम पर रिश्वत लेते हैं। वहीं सीओ श्रेष्ठा ठाकुर बीजेपी से जुड़े लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई करती हैं। कार्यकर्ताओं के इन आरोपों को सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने सिरे से खारिज कर दिया था।

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