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छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप, गलत जगह छूते हैं सर

लखनऊ। राजधानी के एक कॉलेज में गुरु और शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने का एक संगीन मामल प्रकाश में आया है। जहां एक प्रधानाचार्य पर कॉलेज की छात्राओं और महिला स्टाफ ने संगीन आरोप लगाए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार योगीराज में एक कॉलेज के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगे हैं। नाबालिग छात्राओं और महिला स्टाफ ने दावा किया, “प्रिंसिपल ने हमारे साथ यौन शोषण किया। गंदी नीयत से छुआ। गालियां दीं। परीक्षा परीणाम लेने गए तो आधे घंटे तक रोक कर रखा। सेक्स के बारे में बताने लगे।” पीड़िताएं पहले तक तो शांत थीं। लेकिन पानी सिर से ऊपर गया तो उनकी चुप्पी टूटी। नाबालिग छात्राओं के इस आरोप का समर्थन कॉलेज की महिला स्टाफ ने भी किया है। पीड़ित पक्ष ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दी। पुलिस फिलहाल तहरीर मिलने का इंतजार कर रही है। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलते ही मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

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वहीं, कॉलेज के प्रिंसिपल ने अपनी सफाई में कहा कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्हें फंसाया जा रहा है। इस सबके पीछे उनके कॉलेज के दो कर्मचारी हैं। मामला सूबे की राजधानी लखनऊ का है। यहां नेशनल कॉलेज में पढ़ने वाली तीन नाबालिग छात्राओं ने मंगलवार (13 मार्च) को इस बाबत मीडिया के सामने आपबीती सुनाई। प्रिंसिपल पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए एक परिजन ने कहा, “सर गंदी बात करते थे। रात में हमारी बच्चियों से रुकने को कहते थे। बेटी को पढ़ाने नौ बजे से 11 बजे तक रात में रुकते थे।”

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आगे एक पीड़िता बोली, “बदतमीजी से बात की। सेक्स के बारे में बात की। तुम लोगों को हर जगह छू सकता हूं। बुरा मत मानना। गालियां भी दीं। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल भी किया।” महिला स्टाफ ने एक अन्य टीचर की आपबीती बताते हुए कहा, “एक टीचर प्रिंसिपल की हरकतों से परेशान थीं। वह कहती थीं कि आप लोग इनके साथ कैसे काम कर लेते हैं? (रो कर…) उनके घर में कोई नहीं था, जिसका फायदा उठाकर प्रिंसिपल ने उनसे गंदी हरकत की थी।”

उधर, पुलिस का कहना है कि तहरीर मिली नहीं है। शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। लड़कियां रिजल्ट लेने गई थीं, तभी प्रिंसिपल ने उनसे अश्लील बातें कीं। कोतवाली में इस संबंध में तीन नाबालिग छात्राओं ने शिकायत दी है। प्रिंसिपल उमा शंकर सिंह से यह पूछे जाने पर कि इस आरोप के पीछे का कारण क्या है? वह बोले, “हमने दो लोगों को परीक्षा विभाग से निकाला था। आशंका थी कि कहीं वे कॉपी न गायब कर दें। पर्चा वॉट्सएप पर वायरल कर न कर दें। उसी का बदला लेने के लिए डॉ. आर.पी सिंह और सोने लाल ने छात्राओं को बरगलाया है।”

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