आसमान छूती पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के बीच यहां से भरा रहे सस्ता ईंधन
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हाहाकार मचा है। पिछले 12 दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगभग रोज बढ़ी है। शुक्रवार को भी पेट्रोल 36 पैसे और डीजल 22 पैसे महंगा हो गया। सोशल मीडिया भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की चर्चा से भरा पड़ा है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत का ही एक राज्य ऐसा है जहां लोगों को 20 से 22 रुपए कम में पेट्रोल डीजल मिल रहा है। यहां के लोगों को पेट्रोल-डीजल के इन बढ़ते दामों से कोई परेशानी नहीं हो रही है लेकिन आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। यहां जानिए कैसे:
दिल्ली से 1,897 किमी दूर असम के बकसा जिले के लोगों को पेट्रोल-डीजल के दामों का कोई टेंशन नहीं है। यहां के रहने वाले लोग दिल्ली में रहने वाले लोगों की तुलना में 20 से 22 रुपए कम में पेट्रोल-डीजल पाते हैं। बक्सा के सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों की गाड़ियां कभी-भी भूटान के सैमड्रप जोंगखार पहुंच जाती है और वह भी बिना किसी टैक्स या चेकिंग के।
नेशनल हाइवे 127 ई के रास्ते सैकड़ों लोग भूटान जाते हैं और वह भी पेट्रोल-डीजल लेने क्योंकि उन्हें वहां 20 से 22 रुपए सस्ते में पेट्रोल-डीजल मिल जाता है। यहां भूटान की मुद्रा भारतीय रुपए के बराबर ही है। वैसे भी भारत और भूटान के द्विपक्षीय संबंध परम्परागत रूप से बड़े मधुर रहे हैं और दोनों देशों के बीच एक विशेष संबंध है।यानी बकसा के सीमावर्ती इलाके में रहने वालों को पेट्रोल और डीजल के दामों से कहीं कोई चिंता नहीं है। लेकिन यहां इस पूरे गणित को समझना होगा।
असम में पेट्रोल की कीमत 76 रुपए प्रति लीटर है जबकि भूटान में 52 रुपए प्रति लीटर है। यानी आधे किमी की दूरी पर 20 रुपए सस्ता पेट्रोल मिलता है क्योंकि यह दूसरा देश है। लेकिन आपको हैरानी होगी कि ये पेट्रोल भारत से ही भूटान जाता है। भारत ही भूटान को पेट्रोल भेजता है। इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. भूटान में पेट्रोल और डीजल की सप्लाई करते हैं।
1 जुलाई 2017 से भारत में जीएसटी लागू होने के बाद भूटान को किए जाने वाले सभी निर्यात जीरो रेटेड हो गए हैं। तो भूटान से जो एक्साइड ड्यूटी ली जाती थी, वह अब लौटा दी जाती है। इस वजह से भूटान में पेट्रोल की कीमत में 17 प्रतिशत और डीजल में 14 प्रतिशत की कटौती हो जाती है। इससे भूटान के राजस्व में भी कमी आई है। भूटान की सरकार लोगों को फायदा पहुंचाना चाहती है। बकसा के लोगों के लिए इससे बड़ी राहत क्या हो सकती है।
कुछ लोग इसलिए भूटान जाकर पेट्रोल भरवाते हैं कि इसके बसना के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोल पंप नहीं है, तो कुछ लोग सीधे-सीधे कालाबाजारी के लिए जाते हैं क्योंकि एक लीटर पर उन्हें 20 से 22 लीटर का फायदा जो हो रहा है। वहीं दुकानदार यहां खुली बोतलों में पेट्रोल बेचते हैं। असम में 2016 में भाजपा की सरकार बनने के बाद हर तरह के टैक्स, चेकिंग गेट्स हटा लिए गए थे तो कालाबाजारी का जरिया बन गया है।