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आसमानी बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ मकान, फुंके कईं विद्युत उपकरण

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से बिगड़े मौसम के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि होली के बाद से शुरू हुई बारिश रुक-रुककर रोजाना दूनघाटी में बरस रही है। यदि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की बात की जाए तो कई जगहों पर बर्फबारी होने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। मौसम की मार का सितम यहीं नहीं थमता, आसमानी आफत अलग-अलग रूप में सताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

इसी का ताजा उदाहरण देहरादून के आर्केडिया गोरखपुर क्षेत्र में देखने को मिला जहां आसमान से गिरी बिजली ने एक मकान की छत को क्षतिग्रस्त कर दिया। वही इस आसमानी आफत की वजह से घर में मौजूद बिजली के तमाम उपकरण फूंक गए। यही नहीं आकाशीय बिजली का प्रकोप इतना जबरदस्त था कि आसपास के घरों में लगे उपकरण भी इसकी चपेट में आ गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह तेज बारिश के बीच कई बार जोरदार गड़गड़ाहट के साथ आसमान में बिजली कड़कती दिखाई दी।

आकाशीय बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ मकान की छत का हिस्सा
आकाशीय बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ मकान की छत का हिस्सा

तकरीबन 9:30 बजे के करीब आर्केडिया-गोरखपुर स्थित क्रिश्चियन कॉलोनी में जॉन पीटर के दो मंजिला मकान के ऊपरी हिस्से में किराएदार महिला खाना बना रही थी। इसी दौरान अचानक आसमान से बिजली का एक बड़ा हिस्सा टूटकर मकान की छत पर आ गिरा, जिससे मकान की छत में एक बड़ा छेद हो गया। यही नहीं किचन में रखे बेलन के बीच दो टुकड़े होकर फर्श पर गिर गये। गनीमत यह रही कि किचन में मौजूद महिला को कोई गंभीर चोट नहीं आयी। खबर मिल रही है कि बिजली गिरने की वजह से मोहल्ले के दर्जनों घरों के टीवी, पंखे, फ्रिज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण फूंक गए हैं।

इस मामले में जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी राजेश्वर सिंह ने बताया कि तेज आवाज और रोशनी के साथ अचानक बिजली क्षेत्र के एक मकान पर आ गिरी। इस कारण आसपास के घरों के कईं विद्युत उपकरण फुंक गए। उन्होंने बताया कि स्वयं उनके घर के भी कईं विद्युत उपकरण आकाशीय बिजली की चपेट में आकर खराब हो गए हैं। गौरतलब है कि शनिवार सुबह थोड़ी देर के लिए निकली धूप के बाद लगभग 9:00 बजे के आसपास मौसम ने करवट ली और दूनघाटी पर एक बार फिर काली घटाएं छा गई। देखते ही देखते दूनघाटी में फिर से बारिश शुरू हो गई। समाचार लिखे जाने तक बारिश का सिलसिला बदस्तूर जारी था।

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