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आज़ाद अली ने दी गाँधी जी और शास्त्री जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धा से याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली ने देशवासियों से इन महापुरुषों के बताये मार्ग पर चलने का आह्वान किया। दोनों महापुरुषों की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए व प्रार्थना करते हुए आज़ाद अली ने कहा कि दोनों में एक समानता है। दोनों ही देश के लिए जिए और शहीद हुए। गाँधी जी को राजघाट पर गोली मारी गयी और शास्त्री जी की मास्को में रहस्यमयी तरीके से मृत्यु हुई।

सच तो यह है कि गाँधी जी और शास्त्री जी दोनों को ही हम उनकी जयंती पर रस्मी तौर पर याद करते हैं। कसमें खाते हैं उनके पदचिन्हों पर चलने की मगर हमारा आचरण एकदम विपरीत होता है। आज सम्पूर्ण विश्व में अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अब यह भी कागजी हो गया है। कश्मीर की स्थिति किसी से छिपी नहीं है और पाकिस्तान युद्ध पर उतारू है ऐसे में अहिंसा की बातें बेमानी हो गयी हैं।

अब सवाल यह उठता है कि बड़ी-बड़ी बातें छोड़ कर आखिर क्या किया जाये कि दोनों महापुरुषों की जयंती भी मने और लोग हम पर थू-थू भी नहीं करें। रास्ता तो आखिर हमें ही निकालना होगा। देश को आजाद हुए सत्तर साल हो गये हैं और गरीबी, बेराजगारी और भुखमरी बजाय घटने के बढ़ती ही जा रही है। पंचवर्षीय योजनाओं के जरिये हमने विकास और प्रगति तो खूब कर ली मगर देशवाशियों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतजाम नहीं कर पाये।

आज़ाद अली ने सवाल उठाया कि क्या कारण है कि गरीब अधिक गरीब होता गया और अमीर की अमीरी लगातार बढ़ती ही गयी। यह समय ना सिर्फ जयंती मनाने का है अपितु चिंतन और मनन करने का भी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच बदलनी होगी। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को देश की दशा, दिशा को सुधारना और देशहित में कार्य करने होंगे। तभी गाँधी जी और शास्त्री जी के सपनों का भारत साकार होगा।

आज़ाद अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से प्रेरणा लेने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने देश को नया जन्म और नई पहचान दी है। भारत को जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन बेहद सरल और सादा था। उच्चपद पर रहते हुए भी उन्होंने सादगी को नहीं छोड़ा और देशहित में कार्य किये। आज़ाद अली ने कहा कि शास्त्री जी ने दुनिया को जता दिया था कि अगर इंसान के अंदर आत्मविश्वास हो तो वो कोई भी मंजिल पा सकता है। देश के प्रधानमंत्री को भी उनके जीवन से सीख लेकर देश को विकास की राह पर आगे ले जाना चाहिए।

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