अब दबंगई पर उतर आए त्रिवेंद्र सरकार के मंत्री : आज़ाद अली

देहरादून। देशभर में भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही और मनमानी चरम पर है। पूरा देश हो या छोटा सा उत्तराखंड प्रदेश हर जगह बीजेपी के नेता अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं। ये कहना है उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली का। मीडिया को दिए गए अपने एक बयान में आज़ाद अली ने त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कई तीखे सवाल दागे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार के मंत्रियों को उनकी जिम्मेवारी याद दिलाते हुए कहा कि मंत्री यानी सरकार। सरकार मतलब विश्वसनीयता, जिम्मेदारी, मर्यादा और गरिमा। किन्तु लगता है प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार के मंत्री अपनी दबंगई और अपने पब्लिसिटी स्टंट के चक्कर में यह सब चीजें भूल चुके हैं। वह भूल चुके हैं उस शपथ को जो उन्होंने मंत्री के रूप में ली है।
आज़ाद अली ने उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांड ने हाल ही में पहले स्कूल में औचक निरीक्षण के दौरान एक शिक्षिका को जिस तरह बेइज्जत किया वह अपने आप में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मंत्री के वीडियो को देखकर कर ऐसा लग रहा है कि मानो यह कोई फिल्मी दृश्य है, जिसमें कोई खलनायक अपनी दबंगई दिखा रहा है।
आज़ाद अली ने कहा कि शिक्षा का सीधा ताल्लुक है तहजीब से, मर्यादा से नैतिकता से आत्मसम्मान से और अनुशासन से। यदि एक शिक्षा मंत्री में इन सब गुणों का अभाव है तो फिर किसी भी शिक्षक से रूबरू होने से पहले शिक्षा मंत्री को खुद शिक्षित होने की आवश्यकता है। अरविंद पांडे ने छात्रों के सामने जिस तरह एक शिक्षिका के साथ व्यवहार किया वह बेहद आश्चर्यजनक है।
उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि मंत्री ऐसा करके और इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल कराकर क्या साबित करना चाहते हैं? क्या यह कि, वह बहुत काबिल हैं, या क्या यह कि, उनके शिक्षक नाकाबिल हैं ? मंत्री जी जिस तरह से सवाल पूछते नजर आ रहे हैं उसमें उनकी ‘काबिलयत’ तो साफ नजर आ रही है। मंत्री जी मानो पहले से ही तय करके बैठे थे कि उन्हें हर हाल में शिक्षिका को गलत साबित करना है।
अगर यह मान भी लिया जाए कि शिक्षिका को विषय ज्ञान नहीं है तो फिर यह कमी सरकार की है, उस चयन बोर्ड या आयोग की है जिसने नाकाबिल शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया है। मंत्री शायद यह भी भूल रहे हैं कि वह कोई थानेदार या माफिया की भूमिका में नहीं बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे जनप्रतिनिधि हैं।
आज़ाद अली ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं, जो सत्ता के नशे में चूर होकर प्रदेश की जनता के प्रति अपना कर्तव्य भी भूला बैठे हैं। आम जनता बतौर मंत्री उनसे मर्यादित और शालीन व्यवहार की उम्मीद करती है। उन्होंने शिक्षा की ओछी हरकत पर उनके इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि मंत्री जी के वीडियो से एक बात साफ है मंत्री जी अभी तक स्टंट से बाहर नहीं आ पाए हैं। जबकि जो मंत्री क्लास रूम में शिक्षकों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वह पांच महीने के अपने कार्यकाल में खुद कटघरे में हैं।
आज़ाद अली ने त्रिवेंद्र सरकार की पूरी कैबिनेट पर उंगली उठाते हुए कहा कि सरकार के मंत्रियों के सिर पर अहंकार इस कदर हावी है कि मानों 5 साल के लिए नहीं बल्कि उम्रभर के लिए उन्हें सत्ता मिल गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके मंत्री ये बात भूला चुके हैं शायद कि वक़्त बहुत जल्दी बदलता है और आने वाले समय में प्रदेश की जनता बीजेपी की इन करतूतों का जवाब देगी और उसका घमंड चूर करेगी।