अब ज्यादा देर तक ताजमहल को निहारने पर लगेगा फाइन
आगरा। ताजमहल पूरी दुनिया में एक अजूबे के तौर पर अपनी अलग पहचान रखता है। भारत की शान और प्यार करने वालों की निशानी ताजमहल को देखना अब महंगा हो रहा है। जी हां हैरान होने की ज़रूरत नहीं है, आने वाली 1 अप्रैल यानि की नए वित्तीय वर्ष से ताजमहल घूमने आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों को अब टिकट के लिए ज़्यादा पैसे देने होंगे इसके साथ ही इसकी समय सीमा भी कम कर दी गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल 2 जनवरी को दिल्ली में एएसआई, केंद्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा और अन्य संबंधित अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में ताजमहल की एंट्री फ़ीस बढ़ाए जाने को लेकर ये अहम फ़ैसला लिया गया था। जिसके बाद अब आगामी एक अप्रैल से ताजमहल की कंबाइंड एंट्री फ़ीस 200 रुपये हो जायेगी। हालांकि, इस टिकट के साथ पर्यटक स्मारक और मुख्य मक़बरा दोनों को देख पाएंगे। इसके अलावा एएसआई के अंतर्गत संरक्षित दूसरे स्मारकों को देखने की फ़ीस भी 40 रुपये से बढ़ा कर 50 रुपये कर दी गई है।
सम्बंधित अधिकारियों के अनुसार, बीते रविवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अगले वित्तीय वर्ष से टिकट बढ़ाए जाने पर अंतिम मोहर लगा दी और ऑफ़िसर्स को इसकी अनुमति भी दे दी है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री शर्मा ने कहा कि पर्यटकों की समय सीमा पर नज़र रखने के लिए टिकट पर एक बार कोड होगा जिससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि पर्यटक तीन घंटे से अधिक ताजमहल परिसर में नहीं रह पाएं। उन्होंने ये भी बताया कि 15 साल की आयु तक के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए ताजमहल में प्रवेश के लिए कोई टिकट नहीं लगेगा।
गौतरलब है कि पिछले दो सालों में ताजमहल की एंट्री फ़ीस में दूसरी बार ये बढ़ोत्तरी हुई है। इससे पहले 2016 में एएसआई द्वारा संरक्षित देश के सभी स्मारकों का प्रवेश शुल्क बढ़ाया गया था। इतना ही नहीं अधिकारियों ने ये भी बताया कि 1 अप्रैल से पर्यटकों के लिए समय सीमा का निर्धारण भी लागू कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक एक बार टिकट लेकर ताजमहल के अंदर जाकर वहां घूमने-फिरने की या समय व्यतीत करने की कोई समय सीमा नहीं थी, मतलब कि एक टिकट पर आप सुबह से लेकर शाम तक वहीं रुक सकते थे, पर अब ऐसा नहीं होगा।
एएसआई के आगरा क्षेत्र के अधीक्षक पुरातत्ववेत्ता, भुवन विक्रम सिंह ने कहा, अब टिकट की समय सीमा को निर्धारित कर दिया गया है। अब ये समय सीमा केवल 3 घंटे होगी और अगर आप तीन घंटे से ज़्यादा रुकते हैं तो आपको दूसरे टिकट के पैसे फ़ाइन के रूप में भरने होंगे। फ़ाइन के पैसे पर्यटक को एग्जिट गेट पर जमा करने होंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम के पीछे सरकार का मक़सद पैसा कमाना नहीं, बल्कि ऐतिहासिक इमारतों और भवनों की सुरक्षा और बेहतर जन प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
वैसे भी अगर देखा जाए तो अभी तक सुरक्षा कर्मियों को लोगों को बाहर निकालने के लिए सीटी बजानी पड़ती थी कि टाइम ख़त्म हो रहा है, खासतौर पर प्रेमी युगलों को जो झाड़ियों और कहीं दूर जाकर बैठ जाते हैं और घंटो समय बिताते हैं। ताजमहल देश की शान होने के साथ-साथ दुनिया के सात अजूबों में से भी एक है और इसकी देख-रेख की ज़िम्मेदारी हमारी भी उतनी ही है जितनी कि प्रशासन की।