जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद राहुल गांधी ने बोला केंद्र पर हमला
बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13% है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% हैं। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है।
नई दिल्ली। बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद देश की राजनीति नई सरगर्मी आ गई है। बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत जनगणना कराई, तमाम लोगों ने इसका विरोध भी किया गया लेकिन सरकार ने यह जनगणना कराई। अब आज दो अक्टूबर के दिन इसके आंकड़े जारी कर दिए गए। अब आंकड़े सामने आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट के सहारे केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं। इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है।” बता दें कि राहुल गांधी पिछले कई दिनों से ओबीसी समुदाय को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।
वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा-“आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना के आंकड़े प्रकाशित हो गए हैं. जाति आधारित गणना के काम में लगी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई। जाति आधारित गणना का प्रस्ताव पारित हुआ” विधानमंडल में सर्वसम्मति से।”
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद नीतीश सरकार पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है, “जाति जनगणना राज्य के गरीबों और जनता के बीच ‘भ्रम’ फैलाने से ज्यादा कुछ नहीं करेगी। उन्हें एक रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि नीतीश कुमार ने 18 साल तक राज्य पर शासन किया और लालू यादव ने 15 वर्षों तक राज्य पर शासन किया लेकिन राज्य का विकास नहीं किया। जाति जनगणना का रिपोर्ट कार्ड सिर्फ दिखावा है।”
बीजेपी शुरू से जातिय सर्वेक्षण की समर्थक- सम्राट चौधरी
वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “मैं नीतीश कुमार को बार-बार कह रहा था कि रिपोर्ट जल्द जारी करें। यह आधी-अधूरी रिपोर्ट है, अभी भाजपा पूरी रिपोर्ट देखेगी, जांच करेगी और फिर अपना विस्तृत बयान देगी। यह आधा-अधूरा है, जो आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग हैं उसका तो रिपोर्ट ही नहीं है। अभी सिर्फ जातियों की गणना नीतीश कुमार ने बताई है लेकिन किस तकनीक से यह किया गया उसकी रिपोर्ट हम लेंगे। लालू यादव की आदत जातिय उन्माद फैलाने की रही है। बीजेपी शुरू से जातिय सर्वेक्षण की समर्थक रही है।”