अगर आप भी बच्चों को थमा देते हैं स्मार्टफोन तो सावधान, हो सकती है ये गम्भीर बीमारी
नई दिल्ली। स्मार्टफोन तेजी से हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। अगर आप अपने बच्चे के जिद करने पर उसे बड़ी आसानी से अपना स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं, तो जरा सावधान हो जाएं। क्योंकि बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन पकड़ाना कोकेन जैसी नशीली और जहरीली चीज पकड़ाने के बराबर है।
एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन की लत में फंसे बच्चे, जहां माता-पिता के साथ कम समय बिता रहे हैं, वहीं टेक्नोलॉजी उनके मानसिक विकास और दिमाग को कमजोर भी कर रही है। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा खत्म होने लगती है और उनमें फैसले लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है।
अध्ययन के दौरान पाया गया कि तकनीक के इस्तेमाल और फिजिकल एक्टिविटी में तालमेल न होने के कारण बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। पाया गया है घंटों स्मार्टफोन पर समय बिताना युवाअों के बीच पोर्नोग्राफिक इमेजेस भेजने-देखना, ऑनलाइन गलत काम करने से पेरेंट्स की चिंता का कारण बनता जा रहा है। हाल ही में हर्ले स्ट्रीट क्लिनिक द्वारा कराए गए एक सर्वे में 1,500 से अधिक शिक्षकों में से लगभग दो-तिहाई टीचर्स ने कहा है कि वे अश्लील फोटो भेजने और देखने वाले स्टूडेंट्स से वाकिफ हैं, जिनमें प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी शामिल हैं।
अश्लील वीडियाे के मामले में पिछले तीन साल के दौरान 2,000 से अधिक शिकायत दर्ज कराए गए। सर्वे में खुलासा किया गया है कि अधिकांश युवा लड़कियां मोबाइल फोन से किसी को न्यूड फोटो भेजना सामान्य मानती हैं। अगर यही फोटो उनके पेरेंट्स देख लें तो यह ‘गलत’ हो जाता है। ब्रॉडकास्टिंग रेगुलेटर्स के मुताबिक, तीन से चार साल के बच्चे हर हफ्ते इंटरनेट का छह घंटे इस्तेमाल करते हैं।
मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से जहां बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है तो वहीं ये उनके दिमागी विकास में भी बाधक बनता जा रहा है। ज्यादातर फोन पर चिपके रहने वाले बच्चे सामान्य बच्चों की तुलना में ज्यादा भुलक्कड़ और आलसी बनते जा रहे हैं। कहना न होगा कि ये स्मार्ट फोन बना तो हमारी सहुलियतों के लिए है मगर कहीं न कहीं ये हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और उनके लिए एक बड़ा संकट भी बनता जा रहा है।