समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट को लेकर अजय सोनकर ने दिया बड़ा बयान
पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी की बैठक में कांग्रेस का शामिल न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवं वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है।
इस मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करते हुए भाजपा करनपुर मंडल के कोषाध्यक्ष अजय सोनकर ने कहा कि भाजपा ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी के समक्ष 1.25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए एकसमान कानून व अधिकारों के पक्ष में अपना मत प्रस्तुत किया है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं को विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार एवं राज्य का देवभूमि स्वरूप बनाए रखने के पक्ष में हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता अजय सोनकर ने कहा कि पार्टी का मानना है कि नागरिकों के अधिकार तय करते समय देश व प्रदेश की संस्कृति और विरासत को भी ध्यान में रखना चाहिए। ताकि भारत व उत्तराखंड की मूल पहचान पर इनका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। समान नागरिक संहिता का महत्वपूर्ण विषय समानता का होना अपेक्षित है जो समाज के हर वर्ग में समानता का भाव पैदा करे और इस आशय का संदेश न जाये कि कि कोई वर्ग विशेष या समुदाय विशेष, अलग से विशेष अधिकार रखता है।
उन्होंने कहा कि पार्टी सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप मे मानती है कि महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होने चाहिए और किसी भी वर्ग में महिलायें उपेक्षित या दोयम दर्जे की दिखाई नहीं देनी चाहिए। उन्हें सम्पत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायका परिवार में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी तरह तलाक़ की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं वही अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए। विवाह, तलाक़ या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परम्परा के नाम चल रही कुरीतियाँ दूर की जानी चाहिए। पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए प्रत्येक विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। साथ ही पंजीकरण न कराने वालों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाए।
पूर्व पार्षद अजय सोनकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी की बैठक में कांग्रेस का शामिल न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रचनात्मक कार्यों से दूरी बनाकर हमेशा नकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करती रही है, उसे जनहित के मुद्दों से भी कोई सरोकार नही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में शांति, सद्भाव एवं समान अधिकार से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय से किनारा करने से कांग्रेस का तुष्टिकरण वाला देवभूमि विरोधी चेहरा फिर सामने आया है।