बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन पर अक्षय कुमार ने दिया बड़ा बयान, कही ये बात
मुंबई। आखिरकार अक्षय कुमार ने सुशांत सिंह राजपूत केस में लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। अक्षय ने एक वीडियो शेयर किया और बताया कि वो इतने लंबे समय तक चुप क्यों रहे और अब क्यों बोल रहे हैं। अक्षय ने माना कि इंडस्ट्री में ड्रग्स की समस्या है, पर उन्होंने यह भी कहा कि हर आदमी इस समस्या से जुड़ा हो, ऐसा नहीं है।
पहले अक्षय ने बताया अपने दिल का हाल
अक्षय कुमार ने कहा- आज बड़े भारी दिल से आपसे बात कर रहा हूं। पिछले कुछ हफ्तों से बहुत सारी बातें आईं मन में कहने के लिए। समझ में नहीं आया, क्या बोलूं, किससे बोलूं। स्टार्स भले ही हम कहलाते हैं, लेकिन बॉलीवुड को आपने अपने हाथ से बनाया है। हमने फिल्मों के जरिए हमारे देश की संस्कृति और मूल्यों को दुनिया के हर कोने तक पहुंचाया है। जब-जब देश की जनता के सेंटिमेंट्स की बात आएगी। जो आप महसूस कर रहे हैं, उन्हें फिल्मों ने इतने सालों में दिखाने की कोशिश की है। चाहे वो एंग्री यंग मैन वाला आक्रोश हो, करप्शन हो, गरीबी हो, बेरोजगारी हो। हर मुद्दे को सिनेमा ने अपने तरीके से दिखाने की कोशिश की है।
हम अपने गिरेबां में झांकने मजबूर हुए
अक्षय ने कहा- आज अगर आपकी भावनाओं में गुस्सा है तो वो गुस्सा भी हमारे सिर माथे पर है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ऐसे बहुत से इश्यू सामने आए हैं, जिन्होंने हमें भी उतना ही दर्द दिया है, जितना की आपको। इन मुद्दों में हमें अपने खुद के गिरेबां में झांकने पर मजबूर किया। इंडस्ट्री की खामियों को देखने पर मजबूर किया है, जिन पर ध्यान जाना जरूरी है।
इंडस्ट्री हर चीज में सहयोग करेगी
अक्षय ने कहा- नारकोटिक्स और ड्रग्स के बारे में आजकल बात हो रही है। दिल पर हाथ रखकर कैसे आपसे झूठ बोल दूं कि इंडस्ट्री में यह प्रॉब्लम नहीं है। वैसे ही हर इंडस्ट्री और हर प्रोफेशन में होती होगी, लेकिन हर प्रोफेशन का हर इंसान उसमें शामिल हो, ऐसा नहीं हो सकता। नारकोटिक्स बहुत गंभीर मसला है और मुझे भरोसा है कि कानून और एजेंसियां जो भी जांच करेंगी और जो भी एक्शन लेंगी, वो बिल्कुल सही होगा। मैं ये भी जानता हूं कि फिल्म इंडस्ट्री का हर इंसान उनके साथ पूरी तरह को-ऑपरेट करेगा।
अक्षय ने हाथ जोड़कर की विनती
अक्षय ने हाथ जोड़कर फैंस से कहा- ऐसा मत करो कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री को एक ही बदनाम दुनिया की नजरों के साथ देखने लगो। ये सही नहीं, ये तो गलत है। मुझे मीडिया की ताकत पर बहुत विश्वास था। मीडिया सही मुद्दे, सही वक्त पर ना उठाए तो बहुत से लोगों को ना तो आवाज मिलेगी ना इंसाफ। मीडिया आवाज उठाना जारी रखे, पर थोड़ा संवेदनशील तरीके से।