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महंगाई की चौतरफा मार, दूध, चीनी, दाल समेत तेल की कीमत में लगी आग
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद घटी आय के बीच आसमान छूती महंगाई से आम आदमी पर चौतरफा मार पड़ी है। बीते एक साल में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, दूध, चीनी, दाल से लेकर खाने के तेल की कीमत में भयंकर उछाल आया है। इससे कम आय, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालत यह है कि मार्च, 2021 के मुकाबले इस साल मार्च तक सभी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में जोरदार तेजी दर्ज की गई है। सबसे अधिक उछाल सरसों के तेल में आई है। रही-सही कसर को पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस और सब्जियों के बढ़े दामों ने पूरा कर दिया है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय पर दिए गए आंकड़े कह रहे हैं। आइए, एक नजर डालते हैं कि कैसे महंगाई ने आम आदमी के बजट को बिगाड़ दिया है।
दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं के मूल्य में बढ़ोतरी
वस्तु | वस्तु 1 मार्च, 2021 का मूल्य | 21 मार्च, 2022 का मूल्य | परिवर्तन |
चीनी | 37 | 42 | 5 |
सरसों का तेल | 147 | 203 | 56 |
दूध | 46 | 50 | 4 |
पाम ऑयल | 116 | 168 | 52 |
टमाटर | 22 | 28 | 6 |
मसूर की दाल | 78 | 98 | 20 |
आंकड़े रुपये में स्रोत: उपभोक्ता मंत्रालय पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस ने रुलाया
आम आदमी पर महंगाई की मार सिर्फ जरूरी वस्तुओं की कीमत बढ़ने से ही नहीं पड़ा है। बल्कि बीते एक साल में पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस की कीमत में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। जहां 1 मार्च, 2021 को दिल्ली में रसोई गैस प्रति सलेंडर 809 रुपये का था वह बढ़कर 22 मार्च, 2022 को 949.50 रुपये पहुंच गया है। इसी तरह पेट्रोल-डीजल में भी जोरदार उछाल आया है। 4 महानगरों में पेट्रोल की कीमत करीब 12 रुपये से लेकर 20 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी एक साल में हुई है। वहीं डीजल 10 से 14 रुपये प्रति लीटर के बीच महंगा हो गया है। इसके साथ ही सीएनजी भी महंगी हुई है।
एफएमसीजी कंपनियों ने कई बार बढ़ाए दाम
बीते एक साल में देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम में कई बार बढ़ोतरी की है। हिंदुस्तान यूनीलीवर ने सर्फ साबुन के दाम बीते छह माह में 30 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। नेस्ले ने मैगी के दाम में 2 रुपये की बढ़ोतरी की है। वाहन कंपनियों ने भी दोपहिया से लेकर कार की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी कर चुकी हैं।