नाराज अभ्यर्थियों का फूटा गुस्सा, सीएम आवास कूच करने पर पुलिस ने रोका
देहरादून। उत्तराखण्ड में वन दरोगा भर्ती रद्द होने से नाराज अभ्यर्थियों का सोमवार को सड़क पर दिखा। अभ्यर्थी सीएम आवास कूच करने पहुंचे तो पुलिस ने यहां उन्हें रोक लिया। वन दरोगा भर्ती में चयनित अभ्यार्थी इस दौरान अपनी मांग पर अड़े रहे तो पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई।
वन दरोगा भर्ती रद्द होने से नाराज अभ्यर्थियों ने वन मंत्री सुबोध उनियाल से न्याय की गुहार लगाई है। अभ्यर्थियों की ओर से नियुक्ति पत्र देने की मांग की। उधर, अभ्यर्थियों ने कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह से भी मुलाकात कर सरकार के समक्ष मामला उठाने का आग्रह किया।
इससे पहले शनिवार को वन दरोगा भर्ती में मेरिट में आए अभ्यर्थियों ने यमुना कॉलोनी पहुंच कर वन मंत्री सुबोध उनियाल से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा। अभ्यर्थी प्रवीण असवाल, गौरव, सुनीत, अभिषेक सजवाण, ईशिता भट्ट ने वन मंत्री को अवगत कराया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन दरोगा भर्ती को रद्द किया है। रात-दिन मेहनत करने के बाद ही मेरिट में आए। ऑनलाइन परीक्षा में पेपर लीक व नकल का सवाल नहीं उठता है।
आयोग की ओर से एकतरफा निर्णय लिया गया। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग की है। वन मंत्री ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। इसके बाद अभ्यर्थियों ने कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह से मुलाकात कर न्याय दिलाने में सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने विधायक से अनुरोध किया कि वन दरोगा भर्ती को बहाल करने के लिए सरकार से इस मामले को उठाए।
भाजपा प्रवक्ता रविंद्र जगुरान का कहना है कि वन दरोगा भर्ती रद्द होने से प्रभावित अभ्यर्थियों से मिला था। उन्होंने भर्ती रद्द न करने के लिए अपने तर्क बताए। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अभ्यर्थियों के सवालों को गंभीरता से देखना चाहिए। साथ ही मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों के साथ अन्याय न हो। इसके लिए वन दरोगा भर्ती पर पुनर्विचार करना चाहिए।