अस्पताल में भर्ती कराए गए अन्ना हज़ारे, ये है वजह
पुणे। अन्ना हजारे को सीने में दर्द के बाद पुणे के रूबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। अभी उनकी हालत स्थिर है। डॉ. अवधूत बोडमवाड़, चिकित्सा अधीक्षक, रूबी हॉल क्लिनिक ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले वर्ष 2019 में भी अन्ना हजारे की तबीयत अचानक खराब हो गई थी जिसके बाद उन्हें पुणे के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
अन्ना के सहयोगी दत्ता आवारे ने उस समय उनके स्वास्थ्य को लेकर बताया था कि सर्दी, कफ और कमजोरी की शिकायत के बाद उन्हें पुणे के वेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तबीयत स्थिर है और चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने बताया था कि अन्ना को सर्दी के कारण उनके सीने में इन्फेक्शन हो गया है, जिसके बाद से डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी थी।
अन्ना हजारे के बारे में
किसान बाबूराव हजारे का जन्म 15 जून 1937 में हुआ था। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता है। वह भारत में रालेगन सिद्धी नामक गांव के विकास के लिए जाने जाते है। उन्होंने 2011 के भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में एक बड़ी अहम भूमिका निभायी थी। उन्होंने भारतीय सेना में भी काम किया है। अप्रैल 2011 में, उन्होंने भ्रष्टाचार पर उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए भारतीय सरकार पर दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। सरकार ने बाद में उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया, और उन्होंने अपना उपवास समाप्त कर दिया।
अगस्त 2011 में, उन्होंने एक और भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस बार, वह सरकार को एक जन लोकपाल विधेयक पारित करना चाहते थे। भारत की संसद के बाद उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने उपवास समाप्त कर दिया। इस आंदोलन को पूरे भारत के शहर के लोगों से बहुत समर्थन मिला।